– कृषि उपज मंडी में गेहूं व चने बंफर आवक देखी जा रही है। नगर मंडी के 05 शेड ट्रैक्टर-ट्रालियों से फुल हो जाने के बाद देर रात को मंडी में स्थानाभाव की समस्या निर्मित होने लगी, जिसके कारण मुख्य इंदौर-भोपाल मार्ग पर जाम के हालात निर्मित हो गए। कृषि उपज मंडी मुख्य मार्ग को दोनो ओर ट्रेक्टर ट्राली की लम्बी- लम्बी लाईन देखी गई। मंडी में फसलों के अच्छे दाम मिलने से बंपर आवक हो रही हैं। ऐसी संभावना हैं कि होली के पूर्व ही मंडी में गेहूं की आवक सर्वाधिक मात्रा में शुरु हो जाएगी। हालाकि सोमवार को 12 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं की रिकॉर्ड आवक दर्ज की गई। मंडी में 01 फरवरी से 26 फरवरी तक 30500 क्विंटल की आवक दर्ज की गई है।
ज्ञातव्य हैं कि भैरूंदा क्षेत्र में अभी नई फसल की कटाई 02 फीसदी ही हो पाई है। बावजूद इसके कृषि उपज मंडी में नए जिंसो की आवक शुरु हो चुकी है। सोमवार को देवास व हरदा जिले के 400 से अधिक किसान अपनी फसल का विक्रय करने मंडी पहुंचे। कृषि उपज मंडी में गेहूं के भाव 2000 से 2801 रुपए व चने के भाव 05 हजार से 5599 तक मिलने के साथ ही नगद भुगतान की सरल प्रक्रिया होने से अन्य जिले के किसानों का रूझान बना हुआ है। शनिवार-रविवार अवकाश होने के बाद सोमवार को मंडी खुलने के बाद मंडी में 12091 क्विंटल की आवक दर्ज की गई। मंडी में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। ऐसे में सोमवार को उपज लेकर पहुंचे किसानों को देर शाम तक अपनी बारी के लिए सडक़ पर कतार लगाकर खड़े रहना पड़ा, जिससे आवागमन में समस्या शुरु हो गई। ऐसा माना जा रहा है कि यह समस्या अब लगातार बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में प्रशासन को वाहनों को खड़ा करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करना जरूरी हो गया है।
एक नजर आवक पर- रबी सीजन के शुरुआती दौर में ही फरवरी माह में 02 दिन शेष होने के बावजूद 30500 क्विंटल गेहूं मंडी में नीलाम हो चुका है। मंडी में सोमवार को 12091 क्विंटल आवक रिकॉर्ड की गई। जिसमें सोयाबीन 1052 व भाव 3500 से 4321, गेहूं 9261 भाव 2000 से 2801, चना 1708 भाव 5000 से 5599, तुंवर 19 भाव 7500 से 9000, सरसों 39 भाव 3000 से 5026, मक्का 12 क्विंटल भाव 1900 से 2080 इस प्रकार कुल 472 कृषकों ने सोमवार को अपनी उपज का विक्रय किया।
दुकानो के सामने जाम, व्यापारी परेशान-
मंडी के 05 शेड फुल होने के बाद कृषकों को मंडी में जगह नहीं मिली। जिसके चलतें पूरे दिन मुख्य मार्ग पर 300 से अधिक किसान ट्रैक्टर-ट्राली में उपज लेकर खड़े रहे। मुख्य मार्ग के दोनो साइड दुकानों के सामने ट्रैक्टर-ट्राली खड़े होने से व्यापारियों का धंधा प्रभावित हुआ। व्यापारियों को व्यापार करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। मंडी में नीलाम की प्रक्रिया खत्म होने के बाद मुख्य मार्ग से ट्रैक्टर हटने के बाद व्यापारियों ने राहत महसूस की।
मंडी में स्थानाभाव बनेगा चुनौती-
पिछले पांच वर्षो से लगातार देखने में आ रहा है रबी सीजन में मंडी में प्रतिदिन आवक 20 से 25 हजार क्विंटल तक बनी रहती है। जिससे सडक़ के दोनों ओर जाम के हालात रहते है। ऐसे में प्रशासन के लिए यह चुनौती साबित होता है। यहीं स्थिति एक बार फिर इस बार निर्मित होगी। मंडी में स्थानाभाव होने से मंडी में 300 से अधिक ट्रेक्टर-ट्रालियों को जगह नहीं मिलती। मंडी में सुबह साढ़े 10 बजे से शाम 05 बजे तक तीन बार नीलाम की प्रक्रिया होती है, ऐसी स्थिति में साढ़े 500 ट्रेक्टर-ट्राली में भरी उपज की निलामी हो सकती है। इससे अधिक वाहन आने पर उन्हें दूसरे दिन उपज तुलाना पड़ता है। मंडी का यहीं स्थानाभाव इस बार भी प्रशासन के लिए चुनौती बनेगा। इसके लिए उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था बनाना जरूरी होगा।
भाव अधिक होने से देवास व हरदा जिले से पहुंच रहे किसान-
इस समय मंडी में सर्वाधिक आवक देवास व हरदा जिले के किसानों के कारण हो रही है। मंडी में उचित भाव सही तौल व नगद भुगतान की व्यवस्था होने से किसानों का रूझान भैरूंदा की ओर बना हुआ है। लगभग 50 किमी. दूर तक से किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडी पहुंच रहे है। मप्र सरकार ने अभी तक 2700 रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं की खरीदी किये जाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। लेकिन कृषि मंडी में कई किसान उच्च क्वालिटी का गेहूं 2800 प्रति क्विंटल तक बेच रहे है। इसके अतिरिक्त चने का समर्थन मूल्य 5440 रुपए निर्धारित किया गया है, वहीं मंडी में चने के भाव 5500 तक बने हुए है। ऐसी स्थिति में दूर दराज से किसान अपनी उपज लेकर पहुंच रहे है।