नीलामी अनुबंध के बाद तौल व भुगतान पत्रक की ऑनलाइन रसीद मिलने से किसानों को मिली राहत…
– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
नव वर्ष से भैरूंदा की कृषि उपज मंडी में ई-मंडी की सुविधा शुरू हो चुकी हैं। जिसके तहत नए वर्ष के प्रथम दिन बुधवार को कृषि उपज मंडी पहुंचने वाले किसानों को मुख्य गेट पर ही ऑन लाइन प्रवेश पर्ची प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त पूरे दिन नीलामी अनुबंध पत्रक, तोल पत्रक एवं व्यापारी भुगतान पत्रक की सभी प्रक्रियाएं ऑन लाइन करते हुए, किसानों को पीओएस से रसीद दी गई। ई-मंडी की शुरुआत करते हुए मंडी सचिव विलियम जॉर्ज के द्वारा मंडी पहुंचे समस्त किसानों व व्यापारीगणों की उपस्थिति में मंडी कर्मचारियों के द्वारा पीओएस मशीन से ऑनलाइन अनुबंध पत्रक जारी कर प्रथम किसान शिवम शर्मा निवासी बोरखेड़ी को ऑनलाइन रसीद प्रदान की गई।

उल्लेखनीय हैं कि कृषि उपज मंडी ई- मंडी होने के बाद अब यहां उपज बेचने के लिए पर्ची बनाने, उपज की नीलामी, उपज का तौल और भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है। नीलामी स्थल पर मंडी सचिव विलियम जॉर्ज के द्वारा सभी किसानों को ई-मंडी एप के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि एप के जरिए किसान स्वंय घर बैठे अपना पंजीयन कर प्रवेश पर्ची प्राप्त कर सकते हैं। मंडी आने पर उन्हें सीधे।उसी पंजीयन नंबर से प्रवेश मिल सकेगा और नीलामी से लेकर भुगतान तक यह पंजीयन नंबर काम करेगा। इससे किसानों का समय बचेगा साथ ही मंडी में ज्यादा आवक होने पर परेशानी से भी निजात मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक यह व्यवस्था प्रदेश की ए-क्लास की मंडियों में ही उपलब्ध थी, लेकिन अब सरकार ने उक्त पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाते हुए बी ग्रेड की मंडियों में भी सुविधा का विस्तार किया है।
किसानों को बताई ई-मंडी एप से पंजीयन की प्रक्रिया-
मंडी इंस्पेक्टर उमेद सिंह धुर्वे ने मंडी पहुंचे किसानों को मोबाइल पर ई-मंडी एप डाउनलोड कर उसके संचालन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ई-मंडी एप से सीधे घर से पंजीयन कर सकता है। पंजीयन होने के बाद वह मंडी आता है, तो उसका समय भी बचेगा। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं हैं, ऐसे किसानों का पंजीयन मंडी पहुंचने के बाद समिति के सदस्य किसान को पर्ची जारी करेंगे।
पहले दिन 10 पीओएस मशीन से हुई नीलामी-
नए साल से ई-मंडी सुविधा का लाभ सभी किसानों को मिलना शुरू हो चुका है। ऑनलाइन प्रवेश पर्ची प्राप्त करने के बाद किसानों की उपज बिक्री की सारी प्रक्रिया पर्ची के सहारे ही पूरी की गई। पहले दिन 10 मशीनों का संचालन किया गया, जिससे समय के साथ ही कागजी कार्यवाही से भी कर्मचारियों को निजात मिल चुकी हैं। शासन द्वारा शुरू की गई यह सुविधा किसान, व्यापारी के साथ मंडी कर्मचारियों के लिए भी सुविधाजनक हैं।
