दादा गुरू नर्मदा जल के सहारे कर रहे, माँ नर्मदा की परिक्रमा…

छीपानेर आगमन पर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने की आगवानी…

– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा लगातार 1550 दिनों से वायु और नर्मदा जल के सहारे सतत् माँ नर्मदा की परिक्रमा कर रहे, दादा गुरु गुरुवार देर शाम को दादाजी धाम आश्रम छीपानेर पहुंचे। यहां पर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के द्वारा उनकी आगवानी की गई। देर शाम को सबसे पहले दादाजी धाम की आरती में सम्मिलित हुए, इसके उपरांत उन्होंने माँ नर्मदा की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने घाट पर मौजूद नर्मदा भक्तों को सम्बंधित करते हुए कहा कि नर्मदा का पथ ऐसा हैं जिस पर चलने से परमात्मा और ईश्वर स्वतः ही मिल जाते हैं। नर्मदा के पथ पर देवत्व प्रकट होते हैं, यहां चलने से जीवन को दिशा मिलती हैं, यहां पर चलना साधना माना जाता है।

भक्तों को किया सम्बंधित…

दुनिया के लिये यमुना, गंगा, नर्मदा, कावेरी सिर्फ नदी हैं, लेकिन हमारे लिए यह प्रत्यक्ष साक्षात् माँ और शक्ति हैं। दादा गुरु ने कहा कि यह देश नदियों का नहीं बल्कि शक्तियों का है। यह वह देव धरा है, जहां नदियों में बहता हुआ पानी हमारे लिये चलती फिरती माँ भवानी है। यह नदी नही बल्कि साक्षात भगवती है। ऐसी शक्ति जिसने अपने गर्भ से लाखों करोड़ो शिवलिंग का निर्माण किया है।

जो भी भक्त मां नर्मदा के पथ पर चला हैं, उसके व्यक्त्वि व चरित्र का निर्माण हुआ है। नर्मदा नदी हमें भयमुक्त जीवन व सुरक्षा प्रदान करती चली आ रही है। कहते हैं सर्व तीर्थ दायकं। माँ भगवती नर्मदा सब तीथों की नायक हैं, यह तीथों की जननी है। एक और शक्ति हमें मिलती हैं। जिसे गौ माता कहते हैं। दुनिया के लिए पशु व जानवर हैं लेकिन हमारे लिये साक्षात शक्ति है, जिसमें तैतीस कोटि देवी देवता निवास करते हैं। यह हमें केवल जीवन ही नहीं देती है। समय आने पर यह विश्व का संचालन भी हमारे हाथो से करा देती हैं। सारे जगत में हमें विश्व वंदनीय बना देती है। यहीं भगवती का द्वार हैं, जिसके हर कंकर को शंकर कहते हैं। नर्मदा का एक एक कंकर जीव जगत का कल्याण करने का सामर्थ रखते हैं। विदेशी नर्मदा की रज को अपने देश में ले जाते हैं, उनके लिये यह असीम ऊर्जा का स्त्रोत हैं।

दादा गुरु के आगमन को लेकर दादाजी धाम छीपानेर में खंडवा से विशेष मंडल के द्वारा देर रात तक माँ नर्मदा के भजनों की प्रस्तुती दी गई। इस दौरान कपकपाती ठंड में भी श्रृद्धालुओं ने भजनों का आनंद उठाया। ग्रामीणों के द्वारा यहां पर आयोजित भंडारे में प्रसादी भी ग्रहण की।

दादा गुरु की नर्मदा सेवा यात्रा आज देर शाम को नर्मदा तट नीलकंठ पहुंचेगी। जहा नर्मदा भक्तों द्वारा दादा गुरु के साथ मिलकर न केवल माँ नर्मदा की पूजा अर्चना की जायेगी, बल्कि दादा गुरु के मुखारबिंद से नर्मदा की असीम कथा का श्रवण किया जायेगा। इसके उपरांत नर्मदा तट पर समाजसेवी गोपाल पटेल के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जायेगा। 

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