NewsMirchii- गुना में बुधवार रात हुए हादसे में 13 लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार सख्त है। बस का न बीमा था और न ही फिटनेस। रोड टैक्स भी खत्म हो चुका था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि घटना में जो जिम्मेदार है, उसे नहीं छोड़ा जाएगा।
बता दे कि बुधवार को गुना से आरोन जा रही बस की डंपर से टक्कर हो गई। इसके बाद बस में आग लग गई। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीडब्ल्यूडी और कृषि विभाग की समीक्षा बैठक टालकर वह गुना पहुंचे ओर घायलो का हाल जाना।
वही गुना बस हादसे को लेकर इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीएल मुकाती ने कहा है कि बस 15 साल पुरानी थी। यह बस कैसे सड़क पर चल रही थी ? वही परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है।
जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे- डाॅ.मोहन यादव
मुख्यममंत्री डाॅ. मोहन यादव ने कहा कि मैंने हादसे के बाद कलेक्टर-एसपी से बात की। यह घटना हृदयविदारक है। हम कोशिश करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो। मैंने जांच के आदेश दिए हैं। बस का परमिट नहीं था तो वह कैसे चल रही थी। जिस टर्निंग पॉइंट पर यह टक्कर हुई, उसका क्या कर सकते हैं, यह भी देखेंगे। सभी डेंजर जोन को चिह्नित कर ठीक किया जाएगा। जो भी जवाबदार होगा, उसे नहीं छोड़ेंगे। मैं दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हूं। भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के साथ ही ऐसी घटनाएं न हों, इसके प्रबंध भी किए जाएंगे।
वही आर्थिक सहायता के रूप में मृतकों के परिवार को चार-चार लाख रुपये और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई। घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के भी निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं।
ढाई साल पहले खत्म हो चुका था बीमा-
वही बताया जा रहा है कि बस क्रमांक एमपी08-पी-0199 का रजिस्ट्रेशन 15 साल तीन माह पहले हुआ था। फिटनेस खत्म हो चुका है, जो सिर्फ 17 फरवरी 2022 तक ही वैध था। इसी तरह टैक्स की वैधता भी जुलाई 2022 में खत्म हो चुकी है। पीयूसी तो बना ही नहीं है। इसके अलावा बीमा भी 30 अप्रैल 2021 तक ही था। परिवहन विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक 15 साल पुरानी यात्री बसों को परमिट नहीं दिया जाता है।