NewsMirchii- सीहोर गंगा आश्रम स्थित निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा हो गया। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन लगने से दोनों की मौत हुई है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। परिजनों ने कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई। इधर, देर रात पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर वहां घेराबंदी की और जांच शुरू कर दी है।
देखा जाए तो अधिकांश निजी अस्पतालों में इस प्रकार के मामले सामने आते रहते है, यह किसी से छिपा नहीं है। कुछ अस्पतालों में बड़ी घटना में एक ही डॉक्टर सारे इलाज करते नजर आते हैं, तो कुछ में होम्योपैथी के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार चरखा लाइन छावनी सीहोर में स्व. गोपाल दास शर्मा की पुत्री अश्विनी (28 वर्ष) का विवाह पलटन एरिया के शरद चतुर्वेदी से हुआ था। अश्विनी चतुर्वेदी आंगनबाड़ी में कार्यरत थी।
गुरुवार को अश्विनी को गंगा आश्रम स्थित निजी अस्पताल में डिलीवरी के लिए ले जाया गया था। वह नौ माह की गर्भस्थ थीं। अश्विनी के भाई ईशान शर्मा ने बताया कि उसकी बहन को अस्पताल में इंजेक्शन आदि लगाया गया, जिसके बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उनकी असामायिक मौत हो गई।
हालांकि परिजन तत्काल उसे जिला ट्रामा सेंटर में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पास ले गए, लेकिन तब तक अश्विनी की मृत्यु हो चुकी थी। मामले में परिजनों ने कोतवाली पुलिस और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचना दी।
बताया जाता है कि जब अस्पताल में इलाज के पर्चे मांगें गए तो वहां के स्टाफ ने पूरे पर्चे हटा लिए, बल्कि कुछ ही समय में सारे कागजात समेटकर अस्पताल के अधिकांश कर्मचारी वहां से रफूचक्कर हो गये, लेकिन कोतवाली पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर वहां से आवश्यक सबूत जुटाये और कैमरे डीवीआर भी ले लिया, ताकि उससे सबूत मिल सकें। मामले में कोतवाली पुलिस जांच कर रही है।