वन परिक्षेत्र लाड़कुई ने मनाया अनुभूति कार्यक्रम, छात्र-छात्राओं को दी वन प्राणी एवं संपदा की जानकारी…

NewsMirchii- भेरूंदा क्षेत्र के वन परिक्षेत्र लाडकुई द्वारा दिनांक 31जनवरी से अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा। जिसमें क्षेत्र के ग्राम रतनपुर में छात्र-छात्राओं को अनुभूति कार्यक्रम के अंतर्गत वनों से पहचान कराते हुए वन प्राणी एवं वनों में पाए जाने वाली संप्रदा जैसे कंदमूल फल की जानकारी छात्र-छात्राओं को दी गई।

जिसमें हाई सेकेंडरी स्कूल लाड़कुई के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। जहां पर सर्वप्रथम छात्र-छात्राओं को वन भ्रमण कराया गया और हरिश्चंद्र आर्य द्वारा वनों में मिलने वाली वन संपदा के बारे में जानकारी दी गई। वही पेड़ों में लगने वाले गोंद, गुलिया, फल, तना जड़ आदि के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया।

वही जानकारी दी कि पहले किसान खाकर की जड़ का उपयोग गेहूं फसल के पुल बांधने में करता था। लेकिन वर्तमान समय मे रस्सियों का उपयोग कर रहे है। वही खाकर में लगने वाला गोंद किस नाम से जाना जाता है, और इसका उपयोग कब और कैसे किया जाता है। इसके साथ ही किन-किन पेड़ों में गोंद लगता है इसकी भी विस्तार से जानकारी दी इसके साथ यह किस प्रकार उपयोग में आता है। वही पेड़ों द्वारा कई प्रकार के फल जिनका अलग-अलग उपयोग किया जाता है। वही महुआ से कई प्रकार की औषधियां तैयार होती है तो वही सागौन के पेड़ में लगने वाले डोडे भी दबाव में उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही वनों में कई प्रकार के पेड़ जिनका उपयोग औषधियों के रूप में किया जाता है। वही वनों में लगने वाला तेंदू जिसके पत्ते का उपयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है।

वही छात्र-छात्राओं को वनों में विचरण करने वाले वनप्राणियों की जानकारी दी। ओर उनके स्वभाव को भी बताया गया वहीं कई प्रजाति के सांप जंगल में पाई जाती हैं, बताया कि मात्र तीन प्रकार के सांप मैं जहर होता है, बाकी सांपों में जहर नहीं पाया जाता इसी प्रकार तेंदुआ अपना शिकार हमेशा पेड़ों पर रखता है तो वही बाघ घात लगाकर हमला करता है वही लकड़बग्घा कितनी ही मजबूत हड्डी को चबाकर उसका चुरा बना सकता है, इस प्रकार के कई जानवर वनों में पाए जाते हैं, जिस प्रकार मर्ग, नीलगाय, जंगली भैंसा और भी कई प्राणी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, बच्चों से इस दौरान सवाल-जवाब भी किए गए।

वही छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ विभाग द्वारा खेलों के माध्यम से वनों में किस प्रकार से विनाश होता है उसकी जानकारी देते हुए सांप सीढ़ी का खेल खिलाया गया, जिसमें आगजनी अवैध कटाई के साथ कई जानकारियां दी गई, जिससे की वनो को नुकसान होता है। वहीं विभाग के अधिकारियों द्वारा सवाल जवाब का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वन भ्रमण के दौरान जो जानकारी छात्र- छात्राओं को दी गई, उन्हीं के आधार पर सवाल जवाब किए जाए और छात्र छात्राओं द्वारा सही जवाब देने पर विभाग द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया। 

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