ढोल और मांदल की थाप पर जमकर थिरके आदिवासी… 

– बुधनी के भेरूंदा क्षेत्र अंतर्गत लाडकुई मे भगोरिया पर्व साप्ताहिक हाट के रूप में आदिवासी समुदाय ने मनाया। इसमें बारेला सामाज की महिला, पुरुष के साथ व युवक युवतियां अपनी पारंपरिक व सामाजिक वेशभूषा में सज-धज कर बाजार पहुंचे। 
    भगोरिया पर्व को बारेला समाज के लोगों ने ढोल-ढमाके व रंग-गुलाल के साथ धूमधाम से मनाया जाता है,आदिवासी लोक नृत्य करते आदिवासी अंचल से भगोरिया में पहुंचे। पिछले एक सप्ताह से जारी यह पर्व अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। आखिरी दिन आदिवासी लोगों का उत्साह भी चरम पर दिखाई दे रहा था।
  जानकारी के अनुसार क्षेत्र में होली से एक सप्ताह पूर्व के साप्ताहिक हाट भगोरिया पर्व के रूप में मनाया जाता है। इसमें आदिवासी बारेला समाज के लोग अपने-अपने घर से पारंपरिक व सामाजिक वेशभूषा धारणकर एक-दूसरे को गुलाल लगाते हुए ढोल व मांदल की थाप पर नृत्य करते हुए निकलते हैं। आदिवासियों के लिए यह पर्व किसी अन्य त्योहार से कम नहीं होता, इसमें इन लोगों का उत्साह चरम पर देखा जा सकता है।
     जिसमें लाड़कुई क्षेत्र के आसपास के लगभग 40 से 50 गांव के लोग बड़ी संख्या मे शामिल हुए। वही आदिवासियों के इस त्यौहार में पुलिस बल भी अपना सहयोग देता दिखा है, सुबह से ही पुलिस बल यहां पर मुस्तैदी से असामाजिक तत्वो की गतिविधियों पर नज़र रखा, ताकि आदिवासियों के इस त्यौहार में कोई खलल उत्पन्न ना कर सके।

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