निजी स्कूलों की शिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म और किताबें निर्धारित दुकान पर ही मिल रही है। ऐसे में मजबूरी में अभिभावकों को मनमाने दाम और दुकानों पर लाइन लगा कर शिक्षण सामग्री खरीदना पड़ रहा है। इसको लेकर शिकायत सीएम तक पहुंची है।
मध्य प्रदेश के स्कूलों में नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। इसके साथ ही निजी स्कूलों की निर्धारित दुकानों से खरीदी करने दबाव बनाने का मामले सामने आए है। इस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान लेकर मुख्य सचिव को आदेश जारी करने निर्देश दिए है।
इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र जारी किया है। इसमें मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम के तहत कार्यवाही करने को कहा गया है। इस अधिनियम के तहत स्कूल संचालक अभिभावकों पर निर्धारित दुकान से शिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म, किताबे खरीदने के दबाव बनाने के दोषी पाए जाते है तो उन पर दो लाख रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
बता दें अभी भी कई निजी स्कूलों की शिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म और किताबें निर्धारित दुकान पर ही मिल रही है। यहां से कुछ स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों पर पुस्तके, यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी आदि केवल चयनित विक्रेताओं से खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। इसको लेकर अब स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टर को पत्र जारी किया है।
स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से जारी पत्र में छात्र या अभिभावक को औपचारिक या अनौपचारिक किसी भी तरह से निर्धारित दुकान से सामग्री खरीदने दबाव बनाने की शिकायत मिलने पर मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम के तहत कार्यवाही करने को कहा गया है।