वन परिक्षेत्र लाडक़ुई के जंगल में किया था शिकार…
– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
लाडक़ुई वन परिक्षेत्र इन दिनों वन प्रणालियों के शिकार के मामले में चर्चाओं में बना हुआ हैं। पिछले पांच माह में यहां कई लोग वन प्राणियों का शिकार कर चुके हैं। बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई हैं।
कुछ ऐसा ही मामला बीते पांच दिन पूर्व लाडक़ुई वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले रफीकगंज (जामुनझिल) के जंगलों में सामने आया, जहां अज्ञात शिकारियों द्वारा नीलगाय का शिकार प्लान बनाकर किया गया था, शिकारियों को जब वन अमले के आने की सूचना मिली तो वह मौके से फरार हो गए। अमले को मौके पर नीलगाय मृत अवस्था में पड़ी मिली थी। हालांकि शिकारियों के द्वारा इसे कांटने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाये थे। इस मामले में वन अमले को चार संदिग्धों के नाम मिले हैं, जिनके नीलगाय शिकार में शामिल होने की संभावना हैं। वहीं दूसरी और लगातार बड़ रहे शिकार के मामले में वन अमले की निष्क्रियता भी उजागर हो रही हैं।
उल्लेखनीय हैं कि 23 दिसंबर को रफीकगंज के जामुनझिल जंगल में अज्ञात शिकारियों द्वारा नीलगाय का शिकार किये जाने की सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा तो शिकारी मौके सेे फरार हो चुके थे। ग्रामीणों के मुताबिक इस घटना में एक दर्जन से अधिक शिकारियों के शामिल होने की संभावना हैं।
वहीं वन अमले के द्वारा चार लोगों के शामिल होने की जानकारी दी गई हैं। ऐसी स्थिति में शिकार का यह मामला संदेहपस्थ हो चुका है। लाडक़ुई वन परिक्षेत्र का जंगल रातापानी अभ्यारण के बफर जोन में शामिल हैं, लेकिन यहां पर शिकारियों के सक्रिय होने से लगातार नीलगाय, हिरण, जंगली सुअर, मोर के शिकार की घटनाएं आम हो चुकी हैं। लगभग दो माह पूर्व भी एक नीलगाय का शिकार किया गया था, जिसमें दो आरोपियों को वन विभाग ने जेल भेजा था। लेकिन पांच दिन पूर्व घटित घटना में अब तक वन विभाग के हाथ खाली हैं। सूत्र बताते हैं कि शिकारियों में गांव के दंबंगों के शामिल होने की संभावना है, इसलिए वन विभाग की कार्यवाही धीमी गति से चल रही है।
इस तरह दिया था घटना का अंजाम –
प्रत्यक्षदर्शियों ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बीते 21 दिसंबर को सुबह से जंगल में शिकारी नीलगाय के शिकार को लेकर सक्रिय थे। इस दौरान उन्होंने पूरे दिन नीलगाय पर नजर रखी और शाम होते ही उसे जामुनझिल स्थित कृषक जयराम बारेला के खेत की और भगाकर ले गये। इस दौरान नीलगाय खेत की मेढ़ पर लगी फेसिंग में फंस गई और शिकारियों ने उसका शिकार कर लिया। मौके से गुजर रहे ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दी गई, लेकिन जब तक वन अमला मौके पर पहुंचता तब तक शिकारी मौके से फरार.हो चुके थे। इस घटना में शिकारियों ने धारदार हथियार का उपयोग नीलगाय को कांटने का प्रयास भी किया गया, लेकिन वह सफल नहीं हो सके। हालांकि वन.अमले ने मौके से डेढ़ क्विंटल से अधिक वजनी नीलगाय का शव बरामद किया था।
चार संदिग्धों से अमला कर रहा पूछताछ –
वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश उईके ने बताया कि नीलगाय के शिकार के मामले में चार संदिग्धों के नाम सामने आये हैं। जिसमें सुरेश पिता बजारिया बारेला, दयाराम पिता गंगाराम बारेला, विजेश पिता कैलाश बारेला, डाबर पिता सुखलाल बारेला शामिल हैं। इन संदिग्ध चारो से पूछताछ जारी हैं। नीलगाय का शिकार करने के बाद शिकारियों ने उसे दो किमी. दूर गहरी खाई में घीसकर ले गए थे। जहां वन अमले ने पहुंचकर उसे अपनी गिरफ्त में लिया। शव का डॉक्टरी परीक्षण करने के उपरांत उसका दाह संस्कार किया गया हैं। मामले में आरोपियों पर वन प्राणी अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही हैं।
