ग्रामीण जन का आरोप सरपंच की मनमानी ओर जन विरुद्ध निर्णय ने विकास कार्य को किया ठप…
रिश्वत लेने के भी लगाए आरोप…
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भैरुंदा – जनपद पंचायत भैरूंदा अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत नीलकंठ की उपसरपंच सहित समस्त पंचो ने सरपंच की कार्यप्रणाली पर पक्षपात एवं स्वार्थपूर्ण रवैये व अन्य गड़बड़ी के मामले को लेकर सरपंच को पद से पृथक करने हेतु अविश्वास प्रस्ताव को लेकर एसडीएम मदनसिंह रघुवंशी को आवेदन सौपा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण्रा जन के साथ ग्राम पंचायत नीलकंठ उपसरपंच सहित समस्त पंचगण मौजूद रहे।
वही सभी ने एक स्वर में ग्राम पंचायत नीलकंठ में सरपंच संतोष वर्मा को हटाने की मांग की, ग्राम पंचायत नीलकंठ की उपसरपंच मोनिका केवट ने बताया कि सरपंच के द्वारा अपनी मनमानी करते हुए, जनता के हितों के विरुद्ध यह निर्णय लिए जा रहे है। हमारे द्वारा सरपंच से कई बार चर्चा करनी चाही, परंतु सरपंच की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। लगातार सरपंच संतोष वर्मा के द्वारा अपनी मनमर्जी ओर दादागिरी की जा रही है।
वही पँचगणो ने सरपंच पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के करीब 95 लोगो से आवास योजना का लाभ दिलनाने के नाम पर प्रत्येक हितग्राही से 1200/- रूपए की राशि ली गई। पंच गणों ने यह भी कहा कि सरपंच जब से बीजेपी में शामिल हुए है, उसके बाद से उन्होने तानाशाही रवैया इख्तियार कर लिया है। सरपंच द्वारा अभी तक कोई मासिक बैठक भी नही बुलाई, ओर ना ही हमें आय-व्यय की कोई जानकारी दी जा रही है।
वही ग्राम सरपंच संतोष वर्मा ने बताया कि पंच व उपसरपंच द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार है, जहा तक 1200/- रूपए लेने की बात है, तो वह कर के रूप मे लिए गए है, जिसका उल्लेख पंचायत दर्पण मे भी देखा जा सकता है, वही मकान तोड़ने का आदेश कलेक्टर महोदय द्वारा नगर परिषद भैरुंदा को दिया गया था, उसी आधार पर नगर परिषद भैरुंदा द्वारा तोड़ा गया है। इस तरह जो भी आरोप पंच व उपसरपंच द्वारा लगाए गए है, वह गलत है।
