भेरूंदा- ग्राम बगवाड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण में आचार्य पंडित मनोज तिवारी कांकरिया द्वारा भगवान शिव का विवाह और ध्रुव चरित्र का वर्णन किया गया।
कहां कि भक्ति में हमारा कोई भी संबंध बाधक हो तो उसे त्याग देना चाहिए, जैसे भगवान शिव ने सती को त्याग दिया, भगवान के प्रति संदेह दुख का कारण है बाल्यकाल की भक्ति अनंत गुणनफल प्रदान करने वाली होती है बालक ध्रुव ने 5 वर्ष की आयु में भगवान को प्राप्त कर आशीर्वाद स्वरूप अचल स्थान प्राप्त कर लिया जहां सूर्य और चंद्र भी नहीं जा सकते,
ध्रुव ने मात्र 6 माह की तपस्या से भगवान की प्राप्ति कर ली परंतु मनु शतरूपा ने 23000 वर्ष तक तपस्या की तब जाकर के भगवान के दर्शन हुए इसलिए बाल्यकाल के भक्ति अनंत गुना फल प्रदान करने वाली है शीघ्र फल प्रदान करने वालीहोती है
वही कथा श्रवण करने मुख्यमंत्री के जस्ट पुत्र व युवा नेता कार्तिकेय सिंह चौहान भी पहुंचे, जहां व्यास गादी पर विराजित कथा वाचक मनोज तिवारी से आशीर्वाद लिया, क्षेत्र के हजारों श्रोतागण कथा श्रवण कर पुण्य अर्जन कर रहे हैं।