वर्षभर चलते है, धार्मिक अनुष्ठान…
– नगर मे बजरंग कुटी पर स्थित हनुमान जी का मंदिर जो खेडापति सरकार के नाम से क्षेत्र मे प्रसिद्घ है यह श्रद्घालुयो की हर मनोकामना पूर्ण होती है। खेडापति हनुमान मंदिर लगभग 125 वर्ष पुराना है ओर यह जो हनुमान जी की मूर्ति है, वह बाल रुप मे विराजमान है।
मूर्ति के बारे मे कहा जाता है कि मूर्ति पास के गांव मे स्थित नाले मे शीला के रुप मे थी, यहा नाले पर इस शीला पर लोग कपडे धोते थे, बारिश के समय शीला पानी के बेग से पलट गई तो लोगो ने शीला को गोर से देखा तो शीला मे हनुमान जी का आकृति दिखाई दी, नगर मे यह खबर मिलते ही नगर के व्यापारी द्रारा उक्त मूर्ति को नगर मे स्थापित करने के लिये बोदा गाडी लेकर मूर्ति को लेने चंदाग्रहण गांव पहुचे, यहा से मूर्ति लाने के दौरान मूर्ति गाडी से नीचे जमीन पर आ गई, तब उपस्थित लोगो ने मूर्ति को वापस गाडी मे चढाने की कोशीश की पर हनुमान जी मूर्ति को लोग गाडी मे नही चढा पाए।
तब वही पीपल के पेड के नीचे हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित कर दिया, पहले यहा छोटी सी कुटिया बनी थी, लेकिन समय के साथ-साथ अब यहा विशाल मंदिर है, यहा साल भर स्थानिय व आस पास के श्रघ्दालुओ का ताता लगा रहता है, मंदिर परिसर के आसपास भोले शंकर, रामदेव बाबा सहित कई देवी देवता विराजमान है, वही मदिर मे वर्ष भर धार्मिक आयोजन होते रहते है, वही विश्व कल्याण, क्षेत्र की उन्नति व अच्छी बरसात के लिये बीते नौ वर्षो से प्रतिवर्ष लघुरुद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, हर वर्षानुसार इस वर्ष भी लघुरुद्र यज्ञ व श्रीराम कथा का आयोजन किया गया।
यज्ञ के समापन अवसर पर भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें बडी संख्या मे आस पास के क्षेत्र व नगरवासी श्रद्धालु शामिल हुये ओर प्रसादी ग्रहण की।
बालाजी हर भक्त की मनोकामना पूर्ण करते है…






