
भेरूंदा नगर क्षेत्र के ग्राम लाडकुई आदिवासी अंचलों से गिरा हुआ है, क्षेत्र मे आदिवासी रीति-रिवाजों से कई त्यौहार मनाया जाते हैं, इसी श्रंखला में आज ग्राम में आदिवासी गोंड समाज द्वारा रावण के पुत्र मेघनाथ की पूजा अर्चना की जाती है, इस मौके पर ग्राम में बाहर से दुकाने व कई सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं।

आदिवासियों का यह त्यौहार उत्साह उमंग धूम-धाम से मनाया गया। होली के दूसरे दिन जतरा मैं ग्रामीणों एवं बाहर से आए लोगों द्वारा हाट बाजार लगाया जाता है, इसमें खेल-खिलौना, झूला, बांसुरी, मिठाइयो की दुकानें लगाई जाती है।
बताया जाता है कि यह त्यौहार मेघनाथ बाबा से किसी भी आपत्ति यह परेशानी किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ या घर में किसी बीमारी को लेकर मानता की जाती है और उस मानता को पूर्ण करने के लिए इस त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

जिसमें आदिवासी गोंड समाज द्वारा कितने दिनों की मान्यता की गई है, वह पूर्ण करने के लिए यहां राड़ लाई जाती हैं ओर मेघनाथ बाबा की पूजन अर्चना कर भेट चढ़ाई जाती है और अपनी वा अपने परिवार की कुशलता की कामना करते हैं। जत्रा मेले में मनोरंजन के साधन, तरह तरह के झूले, कई दुकानें लगई गई एवं सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल के साथ ग्रामीणों का इस त्यौहार में पूर्ण सहयोग रहता है, आदिवासी समाज के नवयुवक द्वारा यहां पर पूर्व से ही पूर्ण तैयारी कर ली जाती है, जिससे बाहर से आए आदिवासी ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए टेंट की व्यवस्था, टैंकर पानी के साथ कई ओर व्यवस्था की जाती है।
वही आदिवासियों के इस त्यौहार में पुलिस बल भी अपना पूर्ण सहयोग देता है, सुबह से ही पुलिस बल यहां पर मुस्तैदी से असामाजिक तत्वो की गतिविधियों पर नज़र रखना एवं दुकानदारों के साथ कोई भी समस्या का निराकरण करने के लिए मौजूद रहता है।
