वर्ष 2022 से प्रारंभ हुई, महादेव की होली खेलने की अनूठी परंपरा…,

    सीहोर में अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने वर्षो से चली आ रही, नबाबी होली की परंपरा को महादेव की होली में बदला, महाकाल मंदिर में हुई घटना पर कहा – पुरानी ओर शुद्ध वस्तुओ का इस्तेमाल होना चाहिए, बाजार की वस्तुओं से दूर रखें मंदिर से…

– वर्षो से चली आ रही नबाबी होली की परंपरा को पंडित प्रदीप मिश्रा ने महादेव की होली में बदल दिया, महादेव की होली के रूप में नगर के प्रशिद्ध महादेव मंदिर से शरू हुआ, चल समारोह मुख्य मार्ग से होकर मनकामनेश्वर मंदिर पर समाप्त हुआ, इस असवर पर पंडित प्रदीप मिश्रा नगर के पाँच प्रचीन महादेव मंदिर में जाकर अष्टगंध का जलाभिषेक किया। 

  नगरपालिका के चमत्कारेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर चंदन जल अर्पण के साथ महादेव की होली का शुभारंभ, अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने वर्ष 2022 से प्रारंभ करवाई थी, महादेव की होली, पंडित मिश्रा के अनुयायी प्रदेश और देशभर से आये अनूठी महादेव की होली खेलने, नगर के पांच शिव मंदिर में जाकर समाप्त हुआ, केवल गुलाल और चंदन पानी से खेली जा रही महादेव की होली।

  महाकाल मंदिर में हुई घटना पर दुख जताते हुए कहा कि केमिकल युक्त रंग की वजह से घटना घटी हुई है, आने वाले समय मे हमे मंदिरों में परंपरागत वस्तुओ का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, बाजार की वस्तुओं का इस्तेमाल मंदिरों में वर्जित किया जाना चाहिए।

 अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस होली को विशिष्ट होली बताते हुए कहा कि मैं केवल अयोध्या में भगवान राम की स्थापना ही नही बल्कि काशी और मथुरा के मंदिरों को लेकर जिस तरह से कार्य चल रहा है उसने इस होली को बहुत विशिष्ट बना दिया है।

 अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में हुए हादसे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस घटना से सबक लेकर राज्य सरकार को सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और खासकर पूजा सामग्री को लेकर विचार करके कोई अच्छी व्यवस्था बनानी चाहिए।

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