कृषि भूमि में तब्दील वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने गए, वन रक्षक पर जान लेवा हमला…
– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
वन परिक्षेत्र लाड़कुई, रेहटी व बुदनी के तहत वन विभाग व वन विकास निगम की बेश कीमती 15 हजार हैक्टेयर से अधिक वनभूमि पर वन माफियाओं ने कब्जा जमा रखा है। तीनों ही वन परिक्षेत्र में घने जंगल खेती में तब्दील हो चुके है। जिसका नतीजा यह है कि साल दर साल तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है। इस मामले में वन विभाग व वन विकास निगम के द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने को लेकर तत्काल कार्यवाही नहीं किये जाने से अतिक्रमणकारियों की संख्या में लगातार वृद्धि होती चली गई। नतीजा यह हैं कि अब कोई भी अतिक्रमणकारी बेश कीमती जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। जब भी विभाग व निगम का अमला वन भूमि पर काबिज अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचता हैं तो अतिक्रमणकारी उन पर हमला कर या अन्य साधनों से भगाने का प्रयास करते है।
ऐसा ही एक मामला लाड़कुई वन परिक्षेत्र में घटित हुआ, जिसमें अतिक्रमण हटाने के बाद निगम की भूमि पर बीज डालने पहुंचे एक वन रक्षक को माफिया द्वारा करंट फैलाकर जान से मारने का प्रयास किया गया। गनिमत यह रही कि वन रक्षक मौके पर ही संभल गया, जिससे उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। इस मामले में वन विकास निगम के द्वारा संबंधित अतिक्रमणकारी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

वन विकास निगम के रेंजर दिनेश मौर्य ने बताया कि निगम के द्वारा लगातार अतिक्रमणकारियों को समझाईश देते हुए वन भूमि से कब्जा हटाने की कार्रवाई की जा रही है। पिछले एक सप्ताह के दौरान लगभग 60 हैक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है। यह कार्यवाही नवलगांव, खारी, सिंहपुर, कोसमी व भिलाई के 452 नंबर कम्पॉटमेंट में की गई है। बुधवार को भिलाई कम्पाटमेट में अतिक्रमणकारी ऊप सिंह बारेला का लगभग 06 हैक्टेयर में फैले अतिक्रमण को हटाया गया था। इस दौरान अतिक्रमणकारी को समझाईश दी गई थी कि वन अधिकार अधिनियम के तहत मिले पट्टे पर काबिज होकर ही खेती करे। इसके अलावा अन्य वन भूमि पर कब्जा न करे। निगम के अमले ने अतिक्रमणकारी को नोटिस जारी कर उसके बयान भी दर्ज किये थे।

गुरुवार को इसी भूमि पर बीज डालने के लिए वन रक्षक आशीष श्रीवास्तव वन विकास निगम के अन्य कर्मचारियों को लेकर पहुंचे थे। इसी दौरान अतिक्रमणकारी के द्वारा उक्त जमीन पर बिछाएं गए तार में फैले करंट की चपेट में आशीष श्रीवास्तव आ गए। गनिमत यह रही कि करंट का प्रभाव अधिक नहीं होने से व मौके पर ही बेहोश हो गए और उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाड़कुई में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें सिविल अस्पताल भैरूंदा रेफर किया गया।
15 हजार हैक्टेयर से अधिक वन भूमि पर कब्जा –
वन विभाग की एसडीओ सुकृति ओसवाल की मानें तो बुदनी, रेहटी व लाड़कुई वन परिक्षेत्र में वन विभाग की भूमि पर 10 हजार हैक्टेयर से भी अधिक का कब्जा जमा हुआ है। वहीं 05 हजार हैक्टेयर से अधिक वन विकास निगम की भूमि पर अतिक्रमणकारी काबिज है। दोनों ही विभागों में अमले की कमी होने के कारण वन माफियाओं के चंगुल से यह कब्जा नहीं छुट पा रहा है। स्थिति यह हैं कि एक हैक्टेयर पट्टाधारी कृषक ने चार से पांच हैक्टेयर भूमि पर कब्जा जमा रखा है। यह स्थिति तीनों ही वन परिक्षेत्र में बनी देखी जा सकती है। हालांकि लाड़कुई वन परिक्षेत्र में अभी तक 100 हैक्टेयर भूमि अतिक्रमणकारियों के चंगुल से मुक्त कराई जा चुकी है। वहीं वन विकास निगम ने भी लगभग 60 हैक्टेयर भूमि पर से कब्जा हटाया है। लाड़कुई वन परिक्षेत्र में लगातार कब्जा हटाने की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन रेहटी व बुदनी में अब तक यह कार्रवाई शुरु नहीं हो सकी है।

अतिक्रमण हटाने के बाद बीज डालने पहुंचा था वनरक्षक –
लाड़कुई वन विकास निगम के रेंजर दिनेश मौर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को भिलाई के कम्पांटमेंट नंबर 452 से अतिक्रमणकारी ऊप सिंह बारेला के कब्जे से 6 हैक्टेयर भूमि मुक्त कराने के बाद वन रक्षक आशीष श्रीवास्तव अपनी टीम के साथ उक्त वनभूमि पर पौधा रोपने बीज डालने गए थे। इस दौरान अतिक्रमणकारी ने जमीन की सीमा पर जीआई तार की फैसिंग कर उसमें करंट छोड़ दिया था। जैसे ही वन रक्षक ने तार को हुआ वह मुर्छित होकर जमीन पर गिर गया। करंट का प्रभाव कम होने से वन अमले ने तत्काल वन रक्षक को गंभीर हालत में लाड़कुई अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाॅ से सिविल अस्पताल भेरूंदा रेफर किया गया।
इधर वन माफिया तो दूसरी और फर्नीचर मार्ट व आरा मशीन संचालक कर रहे वनों को बर्बाद –
वनों को बर्बाद करने में वन विभाग के अधिकारी ही नही बल्कि फर्नीचर मार्ट व आरा मशीन के संचालक भी अपना रोल अदा कर रहे है। इसका नजारा रेहटी चन परिक्षेत्र में देखा जा सकता है। जहां कार्यवाही के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। अभी भी धड़ल्ले से कीमती सागौन का काला कारोबार यहां देखने को मिल रहा है। लेकिन वन परिक्षेत्र अधिकारी जानकारी होने के बावजूद भी मौन साधे बैठे हैं। आखिर कब तक अधिकारी के संरक्षण में यह कारोबार संचालित होगा।
इनका कहना है –
दिनेश मौर्य रेंजर वन विकास निगम लाड़कुई का कहना है कि वनभूमि पर करंट फैलाकर वन रक्षक को जान से मारने के प्रयास के मामले में अतिक्रमणकर्ता ऊप सिंह बारेला के विरूद्ध थाना भैरूंदा में मामला दर्ज कराया जा रहा है। मौके से करंट फैलाने में उपयोग किये गए तार को जप्त कर लिया गया है।
एसडीओपी भैरुंदा दीपक कपूर का कहना है कि वनभूमि से कब्जा हटाने गए वन रक्षक को करंट फैलाकर जान से मारने का प्रयास किया जाने का मामला सामने आया है। शीघ्र ही उक्त मामले में कार्यवाही की जाएगी।
