सोयाबीन का पंजीयन ई-उपार्जन पोर्टल पर 20 अक्टूबर तक किया जाएगा…

अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत खरीफ (विपणन वर्ष 2024-25) के तहत ई-उपार्जन पोर्टल पर सोयाबीन का पंजीयन कार्य शुरू हो गया है। जो 20 अक्टूबर 2024 तक किया जाएगा। इसके साथ ही पंजीकृत किसानों एवं रकबे का सत्यापन 25 अक्टूबर 2024 तक किया जायेगा।

पंजीयन केंद्र पर सिकमीनामे की प्रति लाना आवश्यक

कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी संबंधित अधिकारियों को पंजीयन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज जानकारी में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही वह पंजीयन मान्य होगा। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का पंजीयन सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र पर किया जाएगा। पंजीयन केंद्र पर किसान को आधार संबंधी दस्तावेज, आधार नंबर से पंजीकृत मोबाइल नंबर हो तथा सिकमीनामे की प्रति साथ में लेकर आना होगा। सिकमीनामें की प्रति ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑपरेटर द्वारा स्केन कर अपलोड करनी होगी, इसके उपरांत ही पंजीयन की कार्यवाही पूरी होगी। सिकमी/बटाईदार/वनाधिकारी पट्टाधारी किसानों का शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा। किसानों को वनपट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति व अन्य दस्तावेज साथ में लाना अनिवार्य है। वनपट्टाधारक किसान के पंजीयन मे वनपट्टा कमांक खसरा रकबे एवं बोई गई फसल की प्रविष्टि की जाएगी।

दस्तावेजों को रिकॉर्ड में रखेगी उपार्जन समितियां

सोयाबीन उपार्जन के लिए किसानों द्वारा पंजीयन के समय आधार कार्ड, खसरा नकल एवं बैंक पासबुक की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। एनआईसी द्वारा यह सुविधा ई-उपार्जन पोर्टल में दी जायेगी। उपार्जन समितियों द्वारा किसानों के इन दस्तावेजों को प्रिंट कर संरक्षित रिकार्ड में रखा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!