नीलगाय का शिकार: मौके पर पहुंचा वन विकास निगम, शिकारी भागने में हुए सफल… 

– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा

वन विकास निगम लाड़कुई के वन परिक्षेत्र में नीलगाय का शिकार की सूचना के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा। जहां से नीलगाय का शव बरामद किया। लेकिन वन अमले को देख शिकारी भाग खड़े हुए। बताया जा रहा है कि आधा दर्जन के करीब शिकारी इस वारदात में सम्मलित थे। 

    जानकारी के मुताबित वन विकास निगम के नवलगांव में वन विभाग को सूचना मिली कि जंगल में कुछ लोगों के द्वारा नीलगाय का शिकार किया गया है, दो बार गोली चलने की आवाज़ आई है। सूचना के बाद वन विभाग सामान्य एवं निगम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर वन विभाग के कर्मचारियों को देखकर शिकारी वहां से भागने में सफल रहे।

     बता दे कि वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 448 नवलगांव में वन विभाग को सूचना मिली जंगल में कुछ लोगों के द्वारा नीलगाय का शिकार किया गया है, दो बार गोली चलने की आवाज़ आई, वन विभाग सामान्य एवं निगम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों को देखकर शिकारी वहां से भागने में सफल हुए, लेकिन वन विभाग के अमले ने उन लोगों के चेहरे पहचान लिए, जिसे आरोपी को गिरफ्तार करना आसान होगा। 
हालांकि शिकारी द्वारा नीलगाय को बंदूक से गोली मारकर शिकार किया गया, शिकारी नीलगाय के शव क्षित-विक्षित कर उसके टुकड़े इकट्ठा करने के दौरान वन विभाग का अमला देखकर शिकारी भागने में सफल हो गए। लेकिन विभाग द्वारा शिकारियो की पुष्टि कर ली गई है।
  वही अब देखने वाली बात यह है कि बुधनी विधानसभा में उपचुनाव के चलते आचार संहिता लागू है। लेकिन इन शिकारियों को ना ही प्रशासन का कोई खौफ है, जिसके चलते सुबह तकरीबन 07 बजे ग्राम नवलगांव वन क्षेत्र में गोली चलने की आवाज सुनाई दी, देखने वाली बात यह है कि जहां आचार संहिता लगी होती है, वहां पर हथियारों का इस्तेमाल करना वर्जित होता है, इतना ही नही हथियारो को थाने मे जमा करा लिया जाता है, ऐसे में इन शिकारियों के पास बंदूके कहां से आई। वही इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि क्षेत्र में अवैध हथियारों का कहीं ना कहीं भंडारण हो सकता है, आज जिस तरहा शिकारियों ने शिकार के लिए बंदूक का इस्तेमाल किया, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बुधनी विधानसभा में किस तरहा से आसामजिक तत्व के लोगो व माफियाओ के हौसले बुलंद है, या इन्हे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते प्रशासन का किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं है और वह खुलेआम दिन-दहाड़े घटनाओं को अंजाम दे रहे है।

दिनेश मौर्य, परिक्षेत्राधिकारी वन विकास निगम

   वही वन विकास निगम के एसडीओ धमेंद्र भदौरिया द्वारा बताया गया कि नीलगाय के शव को बरामद कर लिया है और उसे काष्ठागार कोसमी में लाकर उसका दाह संस्कार किया गया है। वहीं शिकारी की संख्या 07 से अधिक बताई जा रही है। लेकिन अभी तक इनमें से किसी एक की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

धर्मेंद्र भदौरिया, एसडीओ वन विकास निगम

डाॅ.आशीष मिश्रा, पशुचिकित्सक

   वही अब देखने वाली बात यह है कि इससे पूर्व किशनपुर के जंगल में नीलगाय का शिकार हुआ था, लेकिन कोई भी आरोपी आज दिनांक तक नहीं पकड़ा गया, क्या अब इन सभी आरोपियों के चेहरे देखने के बाद इनकी गिरफ्तार कर कोई वैधानिक कार्यवाही होगी, या पूर्व की घटनाओ की तरहा ही आरोपी की तलाश जारी रहेगी।

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