– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
सीहोर वन क्षेत्र के लाड़कुई वन विकास निगम में 08 नवंबर को तीन आरोपियों के साथ अन्य लोगों द्वारा नीलगाय का शिकार किया गया था। जिसमें मुखबिर की सूचना पर तत्काल वन विकास निगम अमला व वन विभाग सामान्य के साथ मौके पर पहुंचा। इस दौरान वन अमले द्वारा तीन आरोपियों को भागते हुए पहचान कर ली गई थी, जिनकी तलाश की जा रही है। लेकिन आज लगभग एक माह का समय हो जाने के बाद भी वन विकास निगम की तलाश जारी है।
वही जब इस संबंध में वन विकास निगम के अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने जल्द आरोपियों को पकड़ने की बात कही, लेकिन देखा जाए तो आरोपियों को पहचान लिए जाने के बाद भी इतना समय लगना, कहीं ना कहीं कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
वन विकास निगम अधिकारी
बता दे कि वन विकास निगम के कक्ष क्रमांक 448 नवलगांव में वन विभाग को सूचना मिली की जंगल में कुछ लोगों के द्वारा नीलगाय का शिकार किया गया है, दो बार गोली चलने की आवाज़ भी आई है। सूचना के बाद वन विभाग सामान्य एवं निगम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचे, वन विभाग के कर्मचारियों को देखकर शिकारी वहां से भागने में सफल रहे। लेकिन वन विभाग के अमले ने उन लोगों के चेहरे पहचान लिये थे। जिसकी पुष्टी वन विकास निगम के अधिकारियो द्वारा भी की गई थी, जिसमे कमलसिंह पिता केदार निवासी नवलगांव, मिथुन पिता केदार बारेला, भागीरथ पिता गोविंद एवं अन्य चार लोग थे, वही मौके से धारदार हथियार (कुल्हाड़ी एवं हसियाँ) भी वन विभाग द्वारा जप्त कर वन अपराध प्रकरण 01/13 दिनांक 08/11/2024 जारी किया गया था, लेकिन गिरफ्तारी आज दिनांक तक भी नही हुई। वही देखा जाए तो यह पहला मामला नही है, इससे पहले भी वन क्षेत्र मे कई घटना सामने आई है, लेकिन वन विभाग की कार्यवाही मे लचर पन देखने को मिला, जिससे माफियाओ के हौसले बुलंद होते जा रहे है।
नीलगाय का किया था, दाह-संस्कार
