वन माफिया ने वन विकास निगम क्षेत्र में एक दर्जन के करीब पेड़ों पर चलाया आरा…

वन माफिया सक्रिय, दर्जनों सागौन के पेड़ों को बनाया निशाना

वन विकास निगम का कहना जल्द होगी माफियाओं की गिरफ्तारी

– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा

वन क्षेत्र में एक बार फिर वन माफिया सक्रिय हो गए है। जिनके द्वारा सागौन के पेड़ों को नैस्तोनाबूद किया जा रहा है। दूसरी और जंगलों को साफ कर अतिक्रमण किये जाने का सिलसिला भी तेजी के साथ बढ़ने लगा है। जिससे वन संपदा को सीधा नुकसान हो रहा है।

लगभग एक दर्जन पेड़ों की हुई कटाई

कुछ ऐसा ही मामला लाड़कुई वन परिक्षेत्र के वन विकास निगम के जंगलों में सामने आया। जहां लगभग एक दर्जन पेड़ों की बली वन माफियाओं के द्वारा ले ली गई। घटना वन विकास निगम के कार्यालय से लगभग आधा किलोमीटर दूर की है। निगम के अधिकारियों को इसकी भनक भी नही लगी और माफिया लकड़ियों की सिल्लियां बनाकर अपने साथ ले गए। इस मामले में निगम के डीएम उमाकांत पांडे का कहना है कि जल्द ही माफियाओं को अपनी गिरफ्त में ले लिया जाएगा। क्षेत्र के वन विकास निगम लाड़कुई के कक्ष क्रमांक 416 में वन माफियाओं के द्वारा कटाई के बाद 06 पेड़ों की सिल्लियां बनाकर वन माफियाओं ने उसे अपने साथ ले जाने के बाद 3 पेड़ों को उसी हालत में छोड़ गए। वन विकास निगम को कटाई की भनक तक नहीं लगी। सोशल मीडिया पर जब एक वीडियों वायरल हुआ तो विभागीय अमला हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर देखा तो लगभग एक दर्जन पेड़ों की बली दी जा चुकी थी। इस मामले में वन विकास निगम की निष्क्रियता भी उभरकर सामने आई है।

    उल्लेखनीय है कि क्षेत्र में वन संपदा को खत्म करने में वन माफियाओं के द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। वन परिक्षेत्र में हरे-भरे पेड़ों को काट कर उन्हें ठूंठ में बदलने का सिलसिला तेजी के साथ चल रहा है। लेकिन वन अमला इन पर लगाम नही लगा पा रहा। जिसका उदाहरण लाड़कुई वन विकास निगम में चल रही वनों की कटाई के रूप में सामने आया है। हालांकि इस मामले में अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही किए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन हमेशा की तरह विभाग को मौके पर कोई भी माफिया नही मिला। ऐसे में विभाग अब अंधेरे में तीर छोड़कर वन माफियाओं को पकड़ने की कोशिश में जुटा है।

वही देखने वाली बात है कि नाके से कुछ दूरी पर एक दर्जन पेड़ वन माफियाओं के द्वारा काट लिए गए। लेकिन इसकी भनक वन विकास निगम तक को नही लगी। आखिर जंगलों की किस प्रकार सुरक्षा की जा रही है। वही कई सवाल खड़े होते हैकि निगम के द्वारा जंगलों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों- कर्मचारियों की तैनाती की गई है, लेकिन अमले के द्वारा वनों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जिससे माफिया तेजी के साथ सक्रिय हो रहे है। स्थिति यह है कि रात के अंधेरे में माफिया सक्रिय होते है और वन अमला चैन की नींद सोता है। इस मामले में वन विकास निगम के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही की जाती। इसी का नतीजा है कि माफिया विभाग को ठेंगा दिखाते हुए नजर आ रहे है। दूसरी और वन भूमि पर अतिक्रमण का सिलसिला भी तेजी के साथ बड़ रहा है। यदि यही हालात रहे तो निश्चित ही वन संपदा का दोहन होने से कोई नही रोक सकेगा।

क्या कहते है अधिकारी-

वन विकास निगम के जिलाधिकारी उमाकांत पांड़े ने बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आया है, कुछ पेड़ो की कटाई हुई है और पेड़ो के हिस्से को काटकर माफिया अपने साथ ले गए है। इस मामले में विभाग के द्वारा जांच की जा रही ही है।

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