लक्ष्य पूरा ना होने की वजह – 70 प्लस लोगों का पलायन व आधार अपडेशन ना होना
भैरूंदा- देश के नागरिकों का 05 लाख रुपए तक का इलाज सरकारी व निजी अस्पतालों में मुफ्त में हो सके इसके लिए केंद्र सरकार की बहु प्रतीक्षित आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इस योजना में 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजूर्गो को भी शामिल किया गया हैं, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो। इसके लिए केंद्र सरकार ने घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश जारी किये हैं। इन लोगों के कार्ड बनाने की प्रक्रिया पिछले 06 माह से लगातार जारी हैं। अभी तक ब्लॉक स्तर पर नगरीय क्षेत्र में 340 व ग्रामीण क्षेत्र में 3472 आयुष्मान कार्ड ही बन सके हैं। जबकि नगर में 1157 व ग्रामीण में 7065 कार्ड बनाये जाने थे। नगरीय क्षेत्र में नगर परिषद व ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत विभाग के द्वारा कार्ड बनाये जा रहे हैं। अभी भी ब्लॉक में 5368 लोग इस योजना से दूर हैं। अभी तक के आंकड़े के मुताबिक लगभग 47 फीसदी ही लक्ष्य प्राप्त हो सका हैं। नगर परिषद व ग्राम पंचायतों का मानना हैं कि इनमें से अधिकांश लोग या तो पलायन कर चुके हैं या फिर इनकी मृत्यु हो चुकी हैं। ऐसी संख्या 2500 के लगभग हैं।

बता दें कि देश में आयुष्मान कार्ड बनाने का काम 23 सिंतबर 2018 से शुुरु हुआ था। 2011 में हुई आर्थिक जनगणना के अनुसार ही लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वहीं अब नवंबर माह से 70 प्लस से अधिक उम्र के बुजूर्गो के कार्ड बनाने का कार्य शुरु हुआ हैं। पिछले 06 माह में मैदानी अमला लक्ष्य के विरूद्ध 47 फीसदी ही लोगों के कार्ड बन पाये हैं।
फिंगर मिलान व आधार अपडेट ना होना बना परेशानी-
ग्राम पंचायत सचिवों व नगर परिषद के कर्मचारियों ने बताया कि 70 प्लस से अधिक उम्र के बुजूर्गो के कार्ड बनाने के दौरान बुजूर्गो के अंगूठे का मिलान नहीं हो पा रहा हैं। इसके अतिरिक्त कई बुजूर्गो के आधार कार्ड भी अपडेट ना होने से आयुष्मान कार्ड बनाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। यहीं वजह हैं कि लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जो गांव से शहर में पलायन कर चुके हैं तथा कुछ लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनका नाम सूची में दर्ज हैं।
4368 लोग अब भी योजना से बाहर-
आयुष्मान योजना में 1400 से अधिक तरह की बीमारियां कवर हैं, जिनका इलाज सरकार से अनुबंधित अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड बने होने पर फ्री में हो सकता है। अभी पुराने पात्रों में करीब 4368 लोग योजना से बाहर हैं। शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के लिए कलेक्टर हर बैठक में फीडबैक लेते हुए गति बढ़ाने के निर्देश दे रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों को भी इस कार्य में लगाया गया हैं। बावजूद लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पा रही हैं।
