(सेना के सम्मान मे, मातृशक्ति मैदान मे)
भैरूंदा- ऑपरेशन सिन्दूर की ऐतिहासिक सफलता के उपलक्ष्य मे सम्पूर्ण भारत वर्ष मे भारत भक्ति यात्रा निकाली जा रही है, इसी क्रम मे सकल मातृशक्ति बुधनी, भैरुंदा द्वारा भारतीय सेना के शौर्य प्रदर्शन ऑपरेशन सिन्दूर के सफलता व उत्साहवर्धन हेतु भारत भक्ति यात्रा नगर में निकाली गई। कार्यक्रम भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। भारत भक्ति यात्रा के इस कार्यक्रम मे मुख्य अथिति के रुप मे उपस्थित सीता प्रजापति द्वारा बताया गया कि इस देश मे मातृशक्ति कभी भी पीछे नहीं हटी है जब जब संकट आया है, तब भारत की नारी कभी दुर्गा कभी कली बनकर प्रकट हुई है।
वही कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे है, बृजमोहन गोड ने कहा कि पाकिस्तान आज से नहीं बल्कि आजादी के बाद से हीं लगातार आतंकबाद क़ो सरक्षण दे रहा है और भारत ने हर बार इसका मुँह तोड़ जवाब दिया है। सीमा सुरक्षा बल की आरक्षक संध्या पंवार ने कहा कि हम यहाँ ऑपरेशन सिंदूर के उपलक्ष्य मे एकत्रित हुए है, पाकिस्तान द्वारा अपनी नापाक हरकतो के कारण आज किसी ने अपना बेटा, भाई, पिता छिना बल्कि किसी के मांग का सिन्दूर भी छीन लिया, तब साहस शौर्य पराक्रम दिखाते हुए हमारी सेना ने उसको उसी की भाषा मे जवाब देते हुए, बता दिया की एक चुटकी सिंदूर की क़ीमत तुम क्या जानो आतंकीवादियों। कार्यक्रम मे भारत माता की आरती के पश्चात् भारत भक्ति यात्रा परशुराम संस्कार केंद्र (ब्राह्मण धर्मशाला) से प्रारम्भ होकर मातृशक्ति व राष्ट्रभक्त भी शामिल हुए सभी अपने अपने हाथो मे तिरंगा झंडा व ऑपरेशन सिन्दूर तख्तीयां लिए हुए, नगर के प्रमुख मार्ग से होते हुए, गाँधी चौक पर राष्ट्रीय गान के साथ सम्पन्न हुआ। सेना ने जो शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस दिखाया है। इनकी सम्पूर्ण जानकारी समाज क़ो दी। मातृशक्तियों के सिन्दूर रक्षा करने वाले भारतीय सैनिको क़ो धन्यवाद ज्ञापित करते हुए। देश के लिए अपना पूर्ण समर्थन देते हुए व उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खडे होने का संकल्प लिया।
भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के विरुद्ध की गई ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए भैरुंदा में भारत भक्ति यात्रा का आयोजन किया गया।
भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और अदम्य साहस पर संपूर्ण देश को गर्व है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से दुनिया के सामने हमारी सेनाओं ने साहस और शौर्य के प्रमाण दिए हैं। हमने एकजुट होकर विश्व को यह संदेश दिया कि दुश्मन कितना ही चालाक क्यों न हो, हम अपनी एकता को अक्षुण्य रखेंगे। राष्ट्रीय एकता सर्वोपरि है, इसे यदि शत्रु ने हानि पहुंचाने की कोशिश की तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
