भगवान परशुराम जी की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर नगर में विप्र समाज ने निकाली भव्य कलश यात्रा…

हाथों में धर्मध्वजा लेकर संगठित होकर निकला समाज – तीन दिन चलेगा प्राण प्रतिष्ठा आयोजन…

भैरूंदा- विप्र समाज के आराध्य भगवान परशुराम की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा से पहले बुधवार को अखिल ब्राह्मण समाज ने एक अद्भुत और भव्य कलश यात्रा निकाली। इस यात्रा में समाज के सैकड़ों लोग जिनमें महिलाएं पुरुष और बच्चे अपने हाथो में धर्म ध्वजा लेकर समाज को संगठित करने का संदेश दे रहे थे। विप्र समाज के द्वारा निकाली कलश यात्रा में जोश और भक्ति के उत्साह से पूरा नगर भक्तिमय हो उठा।

सुबह 10 बजे गांधी चौक छोटा बाजार गणेश मंदिर से कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। जिसमें आगे बैंड, ढोल, डीजे की धुन पर भगवान के संगीतमय भजनों की प्रस्तुती दी जा रही थी। सफदे कुर्ता पायजामा में पुरुष व चुनरी साड़ी में महिलाएं शोभा यात्रा की सुंदरता को बढ़ा रही थी। महिलाएं पूजन के बाद सजे-धजे कलशों को सिर पर धारण कर नगर के मुख्य मार्गों से जय परशुराम के उद्घोष के साथ निकल रही थी। बग्गी पर सवार भगवान परशुराम जी की प्रतिमा व कलश यात्रा का रास्तेभर नगरवासियों द्वारा पुष्पवर्षा व शीतल पेय पिलाकर स्वागत किया गया। लगभग दो घंटे से भी अधिक समय तक शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई परशुराम संस्कार केंद्र पहुंची। जहां तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का शुभारंभ हुआ।

वैदिक मंत्रोच्चारण से दिव्य ऊर्जा का हुआ संचार –

शोभायात्रा जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंची, यहां विद्धान पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय समारोह का शुभारंभ किया गया। इस दौरान जय परशुराम के उद्घोष और वैदिक मंत्रों की गूंज से वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का संचार हुआ। हर चेहरे पर भगवान परशुराम के प्रति अटूट श्रद्धा और उत्साह दिखाई दे रहा था। इस दौरान समाज के अध्यक्ष नर्बदा प्रसाद शर्मा ने बताया कि कलश में एकत्रित पवित्र जल से भगवान की प्रतिमा का अभिषेक किया जाएगा। जिससे मूर्ति में दिव्य ऊर्जा का संचार होगा और वह जागृत होगी। उन्होंने सभी समुदायों से आगामी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जो कि 6 जून तक संचालित होगा में शामिल होने का आह्वान किया।

यात्रा में पारंपरिक वेशभूषा और बच्चों का योगदान –

कलश यात्रा में महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सिर पर कलश धारण किए जो भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक हैं। बच्चों ने भी झांझ-मंजीरों के साथ भजन गाकर यात्रा को और अधिक आकर्षक और जीवंत बना दिया। यह दृश्य भैरूंदा की धार्मिक और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण था।

किसी भी समाज की धुरी अनुशासन होती है- भार्गव

परशुराम संस्कार केंद्र पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, समाज के वरिष्ठ व क्षेत्रीय विधायक रमाकांत भार्गव ने समाज के इस संगठित प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि एक संगठित समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करता है। किसी भी समाज की धुरी अनुशासन होती है, जो आज की कलश यात्रा में देखने को मिला। भार्गव ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान परशुराम का मंदिर न केवल ब्राह्मण समाज के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक अद्वितीय सौगात है। परशुराम संस्कार केंद्र केवल नाम के लिए नहीं अपितु यथार्थ में समाज की नई पीढ़ी को संस्कारित करने का केंद्र बने ऐसा उनका भाव है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर में नियमित पूजा-अर्चना शुरू होगी, जिससे यह स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा।

कलश यात्रा का भव्य स्वागत – नगर वासियों ने की पुष्पवर्षा –

कलश यात्रा का नगर वासियों द्वारा पूरे रास्ते भव्य स्वागत और सत्कार किया गया। इस दौरान रथ पर विराजमान भगवान परशुराम की प्रतिमा की विशेष पूजा-अर्चना भी की गई। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। नगर वासियों ने यात्रा पर जमकर पुष्पवर्षा की। जिससे यह धार्मिक पल और भी महत्वपूर्ण बन गया। सडक़ों के दोनों ओर खड़े लोगों ने उत्साहपूर्वक यात्रा का अभिनंदन किया और अपनी श्रद्धा अर्पित की। इस अवसर पर शहर के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया। उन्होंने धार्मिक सद्भाव और एकता का संदेश देते हुए, इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस दौरान सामाजिक महिला एवं पुरुषों द्वारा समाज को संगठित रहकर इसी तरह समाज के प्रति अपनी भावना को व्यक्त करने का आह़वान किया।

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