लापरवाही किसकी – ठेकेदार या निर्माण एजेन्सी…
भैरूंदा- सरकार द्वारा आम जनता के हितो को ध्यान मे रखते हुए लाखों करोड़ों रूपये उनके विकाश कार्यो के लिए खर्च करती है और इसकी वाह-वाही लुटती है और वोट बटोरकर अपना हित साधती है, लेकिन उनके ही जिम्मेदार विभाग आम जनता के हितो को कम और ठेकेदार के हितो का ध्यान रखते हुए, लीपापोती कर बिल निकालने पर ज्यादा भरोसा रखते है, जिसका खमियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। हालांकी अब मिडिया मे मामला आने के बाद लोक निर्माण विभाग जल्द ही जाँच कराकार सुधार कराने की बात कह रहा है।





दरअसल ताजा मामला लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत भैरुन्दा ब्लाक के ग्राम इटावा कलां का है, जहाँ पर बीते वर्ष ही इटावा कला से ढोबा को जोड़ने के लिए 04 किलोमीटर सड़क निर्माण किया गया था। लेकिन निर्माण के समय से ही घटिया निर्माण को लेकर विवादों मे रहा, लेकिन वावजूद उसके विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, नतीजा ये रहा की आज वही सड़क अभी से उखड़ने लगी है कही गड्डे कही दरारे तो कही गिट्टी उखड़ने लगी है। जिसका नतीजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है, चिंता इसलिए भी लाजमी है क्यूंकि बारिश से पहले ये आलम है तो बारिश के बाद क्या होगा। क्यूंकि इसी सड़क से सेकड़ो ग्रामीण का आना जाना है, बल्कि कई किसानों की जमीन भी लगी हुई है कहने को तो ठेकेदार से पांच साल की गारंटी रहती है, लेकिन लीपापोती से सड़क कब तक चलेगी ये तो आप सब ही जानते है और ये कोई एक सड़क का मामला नहीं है उसी इटावा कलां मे मुख्यमार्ग से गांव के अंदर तक एक बायपास के तोर पर तीन सौ मीटर की सड़क का भी हाल कुछ ऐसा ही है जहाँ पर ना सिर्फ घटिया निर्माण के कारण गिट्टी दिखने लगी है इससे साफ तोर पर समझा जा सकता है की इस स्थिति मे सड़क और कितने दिन दम पकड़ेगी और लोक निर्माण विभाग एवं ठेकेदार इसको ठीक करने के लिए फिर से कितनी लिपापोती करते है।
बिना बिजली पोल हटाये ही बना दीं सड़क, हादसा हुआ तो जिम्मेदार ठेकेदार या विभाग…

सड़क बनाते समय लापरवाही ऐसी की ठेकदार को सड़क के बिच बिजली विभाग का 20 फिट का पोल भी नहीं दिखा, जिसे बिना हटाये ही सड़क निर्माण कर दिया गया। अब अगर इससे हादसे होते है तो जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी या लोक निर्माण विभाग क्यूंकि ये सड़क मुख्यमार्ग को गांव से जोड़ती है, ज़ब अंदर गांव मे जाने के लिए वाहन चालाक को लम्बा मुड़ना होगा और सामने से मुड़ते ही खम्बा सामने आ जाएगा, ठीक ऐसी ही हालत गांव से मुख्यमार्ग पर आने वालो के लिए भी होंगी। उन्हें सामने वाली साइड छोड़कर अपनी साइड चलना होगा और उसी साइड पर बिजली का पोल है, लिहाजा उससे टकराने का अंदेशा रहेगा। सड़क निर्माण के समय ग्रामीणों द्वारा कई बार इस समस्या को लेकर निर्माण एजेंसी को अवगत कराया गया। लेकिन समाधान के स्थान पर समस्या ही मिली, जिससे आज तक ग्रामीण जूझते नजर आ रहे है।
निर्माण संबधित बोर्ड गायब, जिम्मेदारी से बचना या फिर बड़ा झोल, विभाग का कहना- लगाया नहीं या हुआ चोरी…

किसी भी सड़क निर्माण के दौरान सरकार का सभी विभागो को सख्त निर्देश है, कि नव निर्मित सड़क के दोनों और बोर्ड लगाए जाए, जिसमे सड़क की गुणवत्ता, लागत, दुरी एवं निर्माण एजेंसी की जानकारी अंकित हो, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता लाना है। लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा ना तो इटावा कलां मे मुख्यमार्ग से लेकर गांव के अंदर तक जोड़ने वाली सड़क पर कोई बोर्ड लगाया गया है और ना ही इटावा से ढोबा तक इस साइड से कोई बोर्ड लगाया गया है। अब इसे लापारवाह रवैया कहे या निर्माण की गुणवत्ता मे कमी को छुपाने के लिए ऐसा किया गया है, अब ये तो निर्माण एजेंसी जाने या ठेकेदार जो बोर्ड नही लगाया गया।
इनका कहना है-

आपके द्वारा मामला संज्ञान मे आया है, अगर लोक निर्माण विभाग द्वारा रोड का निर्माण कराया गया है, तो उसकी जाँच कराई जायेगी और दुरुस्त किया जाएगा। वही बिजली पोल से संबधित उस समये नहीं हट पाया होगा तो उसे भी हटाया जाएगा वही बोर्ड लगाने की बात है तो वह जरुरी है, लेकिन मेरे कार्यकाल मे नहीं हुआ है। अब बोर्ड लगाया नहीं गया है या चोरी हो गया है कहना मुश्किल है। लेकिन सड़क निर्माण मे जो भी कमिया है उसे टीम भेजकर जाँच कराकार दुरुस्त कराया जाएगा
प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव
एसडीओ, लोक निर्माण विभाग
