कीटनाशक विक्रेताओं एवं प्रशासन मे ठनी, गुरुवार को दुकाने सील के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल मे बंद रखे प्रतिष्ठान, कार्यवाही वापस लेने की मांग…

व्यापारी बोले बेवजह परेशान कर प्रशासन बना रहा दबाव, एसडीएम बोले सिर्फ नियम तोड़ने वालो पर कार्यवाही…

नगर के रामादीश पैलेस मे दिन भर चला बैठको का दौर…

कृषि उपसंचालक पर भी आरोप यह कार्यवाही मात्र दिखावे के लिए है। इसका उद्देश्य कुछ और प्रदेश अध्यक्ष राजपूत…

भैरूंदा –  गुरुवार देर शाम को राजस्व एवं कृषि अमले के द्वारा नगर की कीटनाशक एवं उर्वरक विक्रेताओं के यहां की गई कार्यवाही का विरोध उभर कर सामने आया। प्रशासन की कार्यवाही के विरोध में जिले के कीटनाशक दवा विक्रेताओ ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए। इस दौरान भैरुंदा के रामाधीश पैलेस में शुक्रवार को पूरे दिन बैठकों का दौर चलता रहा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष मान सिंह राजपूत के द्वारा भी प्रशासन की इस कार्यवाही का विरोध करते हुए, इसे द्वेषतापूर्ण कार्यवाही बताया। कृषि आदान व्यापारी संगठन का कहना है कि प्रशासन के द्वारा गलत तरीके से कार्यवाही की गई है। विरोध स्वरूप व्यापारिक प्रतिष्ठानों के द्वारा कलेक्टर के नाम एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी को ज्ञापन सौंपा गया। 

   गुरुवार को उवर्रक, बीज एवं कीटनाशक गुण नियंत्रण अंतर्गत एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी, कृषि उपसंचालक अशोक कुमार उपाध्याय, सहायक संचालक अनिल जाट, महेंद्र मेवाड़ा ने भैरुंदा, गोपालपुर व लाडकुई में दुकानों की औचक जांच की थी। जिसमें राजेश कृषि सेवा केंद्र, आनंद एग्रो, पंवार कृषि सेवा केंद्र, रावल ट्रेडर्स कृषि सेवा केंद्र भैरुंदा, जैन ट्रेडर्स लाड़कुई की कीटनाशक दवा दुकान पर जाकर तीन अलग-अलग दलों के द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान दुकानों में निरीक्षण के दौरान एक्सपायरी डेट की दवाएं मिली। एक दुकानदार के पास लाइसेंस एक्सपायर हो गया था, वहीं अन्य दुकानदारों के पास स्टॉक रजिस्टर भी पूर्ण नहीं था। प्रशासन के द्वारा तीन दुकानों को सील करने की कार्यवाही भी की थी। इसी बात को लेकर कीटनाशक दवा विक्रेता संघ के द्वारा प्रशासनिक कार्यवाही का विरोध किया जा रहा है।

प्रशासन ने की असंवैधानिक कार्यवाही, इसलिए जिले में की अनिश्चितकालीन हड़ताल-

कृषि आदान व्यापारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मानसिंह राजपूत ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि प्रशासन के द्वारा असंवैधानिक तरीके से कार्यवाही की गई है। सभी व्यापारी प्रशासन की कार्यवाही का विरोध कर रहे हैं। व्यापारियों के द्वारा संपूर्ण जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई है। प्रशासन के द्वारा कार्यवाही का जो तरीका अपनाया गया है, वह पूरी तरह गलत था। उन्होंने बताया कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अंदर घुसकर अधिकारियों ने दुकानदारों के परिजनों व  ग्राहकों से अभद्रता की। अपनी मांगों को लेकर दुकानदारों के द्वारा एक ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें उन्होंने मांग की है, कि जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर असंवैधानिक तरीके से कार्यवाही कर दुकानें सील की गई है। उन सभी दुकानों की कार्यवाही निरस्त कर दुकान खोले जाने की अनुमति दी जाए। कृषि विभाग के द्वारा कागजी कार्यवाही में की जाने वाली देरी की सजा व्यापारियों को न दी जाए। उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा पीसी जोड़ने में देरी की जाती है, जिससे लाइसेंस में पीसी समय पर नहीं जुड़ पाती। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि व्यापारियों के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। मांगो के पूरे नहीं होने तक व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है। इस दौरान शुक्रवार को जिले के सभी कीटनाशक दवा विक्रेताओं के व्यापार पूरी तरह बंद रहेंगे।

कार्यवाही नियमित जांच का हिस्सा- लगातार शिकायतें सामने आने पर की गई थी जांच –

एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी ने व्यापारियों से कहा कि प्रशासन के द्वारा की गई कार्यवाही नियमित जांच का हिस्सा है। मंगलवार को बैठक के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, कि दुकानों पर स्टॉक का रिकॉर्ड मेंटेन रखा जाए। रेट लिस्ट (दर सूची) और स्टीक (संभवत: स्टॉक या ब्रांड) की जानकारी सूचना बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए। दुकान में कोई भी एक्सपायरी (अवधि समाप्त) दवाइयां न रखी जाएं। कीटनाशक दवा व खाद की कालाबाजारी ना की जाए। इसी को लेकर कृषि विभाग के अमले के साथ दुकानों पर पहुंच कर जांच की गई थी। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान पर पहुंचकर प्रशासनिक अमले ने किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया है। अमले के द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से कार्यवाही की गई है। दुकानों को सील किए जाने की बात पर उन्होंने कहा कि यह भी जांच का एक हिस्सा है। जांच के बाद दुकानों को स्वत ही खोल दिया जाएगा। किसान संघ के द्वारा लगातार अमानक बीज का विक्रय किए जाने, कीटनाशक दवाओं के बिल उपलब्ध नहीं कराए जाने सहित अन्य की शिकायत की जा रही थी। इसी को लेकर औंचक निरीक्षण किया गया है। उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि जिन दुकानदारों के द्वारा अमानक बीज का विक्रय किया जा रहा है। संघ के द्वारा उनका पक्ष रखते हुए हमारी कार्यवाही का विरोध किया जा रहा है।

व्यापरियों ने कृषि उपसंचालक पर लगाएं आरोप –

संघ के प्रदेश अध्यक्ष मानसिंह राजपूत ने सीहोर जिले के कृषि उपसंचालक अशोक कुमार उपाध्याय पर आरोप लगाते हुए कहा, कि यह कार्यवाही मात्र दिखावे के लिए है। इसका उद्देश्य कुछ और ही है। उन्होंने कृषि उपसंचालक के उस बयान पर नाराजगी जाहिर की जिसमें उन्होंने पूर्व के जिले की नौकरी का हवाला देते हुए अपनी कार्यशैली बताई थी। उन्होंने कृषि विभाग के द्वारा लगातार की जाने वाली कागजी कार्यवाही की देरी पर भी सवाल उठाएं। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि विभाग में व्यापारियों को कोई भी काम करने के लिए लेन-देन के लिए मजबूर कराया जाता है। इसका सीधा उदाहरण यह है कि पीसी लाइसेंस में नाम जुड़वाने के लिए उन्हें जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। जबकि स्थानीय कृषि अमले के द्वारा इस कार्यवाही को किया जा सकता है। व्यापारियों के द्वारा समय पर कागजी कार्यवाही की जाती है, लेकिन उन्हें कई महीनो तक लाइसेंस उपलब्ध नहीं कराए जाते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!