चोरसाखेड़ी नर्मदा घाट पर खनिज विभाग की बड़ी कार्यवाही, – माफियाओ में मचा हड़कंप…
रात 2 बजे सीहोर से निकली टीम, तड़के 05 बजे से नर्मदा घाट पर बड़ी कार्यवाही – 7 अवैध पनडुब्बियाँ जब्त
नर्मदा के बीच पनडुब्बियों पर खनिज विभाग का शिकंजा, मशीनों को जब्त कर गोपालपुर थाने भेजा…
अमित शर्मा, लाड़कुई/भैरूंदा
भैरुंदा- नर्मदा नदी के भैरुंदा क्षेत्र अंतर्गत चोरसाखेड़ी घाट पर मंगलवार सुबह खनिज विभाग ने अवैध रेत खनन के खिलाफ बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। देर रात शुरू हुई यह कार्यवाही सुबह करीब 06 बजे से तक लगातार चलती रही। विभाग की टीम ने मौके से 07 पनडुब्बी मशीनों को जब्त किया, जो लंबे समय से नदी की गहराई से अवैध तरीके से रेत निकाल रही थीं। कार्यवाही के दौरान खनन माफियाओं में अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि कार्यवाही से बचाने के लिए एक मशीन को बीच नर्मदा नदी में ही डुबो दिया गया, जबकि बाकी मशीनों को भारी मशक्कत के बाद ट्रैक्टर और ट्रॉली की मदद से गोपालपुर थाने तक पहुंचाया गया।

जोखिम भरा ऑपरेशन : जान पर खेलकर की कार्यवाही –
अवैध रेत उत्खनन करने वाली पनडुब्बियाँ बीच नर्मदा में चलती हैं। इन पर कार्यवाही करना आसान नहीं होता, क्योंकि नदी के बीच जाकर मशीनों को पकड़ना हमेशा जोखिम भरा रहता है। अधिकारियों और कर्मचारियों को कई बार अपनी जान पर खेलकर ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देना पड़ता हैं। यही वजह है, कि माफियाओं की पकड़ इतनी मजबूत हो गई थी, कि उनके आने की लोकेशन पहले ही लीक हो जाया करती थी और वे कार्यवाही से बच निकलते थे।
लेकिन मंगलवार की तड़के खनिज विभाग ने एक अलग रणनीति अपनाई। बताया जाता है कि माफियाओं को चकमा देने के लिए टीम सीहोर से रात करीब 2 से 3 बजे के बीच गुपचुप तरीके से निजी वाहन से रवाना हुई और बाबरी नर्मदा घाट पर पहुंची। यहाँ से विभाग की टीम ने नाव के माध्यम से सफर तय किया और सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच अचानक चोरसाखेड़ी घाट पर दबिश देकर कार्यवाही को अंजाम दिया। इस अप्रत्याशित कदम से माफियाओं को कोई मौका ही नहीं मिला और उनकी 07 पनडुब्बियाँ जब्त हो गईं।

खनिज विभाग की सख्ती और निरीक्षक का नेतृत्व –
इस अभियान का नेतृत्व खनिज निरीक्षक खुशबू वर्मा ने किया। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक मौके पर डटे रहकर पूरी कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाया। ग्रामीणों ने उनकी हिम्मत और तत्परता की खुलकर तारीफ की। लोगों का कहना है कि लंबे समय से घाट पर अवैध खनन जारी था, लेकिन मंगलवार को हुई कार्यवाही से खनन माफियाओं की कमर टूट गई है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि खुशबू वर्मा जैसी अधिकारी ही असली उदाहरण हैं, जो ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से अपने काम को अंजाम दे रही हैं। उनके नेतृत्व में खनिज विभाग की यह कार्यवाही पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।

अवैध रेत खनन के दुष्प्रभाव –
नर्मदा जैसी जीवनदायिनी नदी से बेतरतीब और अवैध तरीके से रेत निकालने का खामियाजा पर्यावरण और समाज दोनों को भुगतना पड़ता है। रेत की अनियंत्रित निकासी से नदी की गहराई और प्रवाह प्रभावित होता है। इससे न केवल जलस्तर में गिरावट आती है, बल्कि सिंचाई और पेयजल व्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि अवैध खनन से नदी के किनारे बसे गांवों में कटाव और बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। कई बार यह खतरा जानलेवा भी साबित होता है। वहीं मजदूरी और खेती-किसानी पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि घाटों पर चल रहे अवैध खनन के कारण स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ रहा था। क्योकि तेज रफ्तार से चलते वाहन ओर, ट्रेक्टर ट्राली कई बार दुर्घटना का सबब बनता है, ओर इसका भय ग्रामीण के जहन मे लगा रहता है।

पनडुब्बियाँ से हो रहा था खनन, बेरोजगारी से परेशान मजदूर –
चोरसाखेड़ी, छिपानेर और आसपास के गांवों के लोगों ने इस कार्यवाही से खुश नजर आए। ग्रामीणों ने कहा कि अवैध खनन से जहां नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ रहा था, वहीं मजदूरी पर भी असर पड़ रहा था। मंगलवार को हुई कार्यवाही के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और खनिज विभाग का आभार व्यक्त किया।
ग्रामवासियों का कहना है कि अगर इस तरह की कार्यवाही लगातार होती रही, तो नर्मदा घाट पूरी तरह अवैध खनन से मुक्त हो सकेगा। ग्रामीणों ने विभाग से इस अभियान को नियमित जारी रखने की मांग की है।
प्रशासन की सख्ती और चेतावनी –
खनिज विभाग की टीम ने जब्त की गई मशीनों को गोपालपुर थाने में खड़ा किया। विभाग ने साफ किया है कि जो भी व्यक्ति अवैध खनन में संलिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग का कहना है कि नर्मदा नदी और उसके घाटों को बचाना हमारी जिम्मेदारी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
