भोपाल संभाग के उड़नदस्ता दल ने फर्म संचालक पर, किया धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज…

दल ने फर्म का पहले किया निरीक्षण कागजों में मिली अनियमित्ताएं…

भैरुंदा – मध्य प्रदेश सरकार की किसानों को लाभान्वित करने वाली भावांतर भुगतान योजना को पलीता लगाने का एक मामला भैरुंदा कृषि उपज मंडी में सामने आया है। संयुक्त संचालक मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय भोपाल के निरीक्षण के बाद अधिकारियों की टीम के द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में टीम ने एक व्यापारी फर्म द्वारा 2,118 क्विंटल से अधिक सोयाबीन व 446.44 क्विंटल मूंग की मात्रा को कागजों में बढ़ा-चढ़ाकर दर्ज करने की अनियमितता पकड़ी। जिसके बाद फर्म के संचालक के विरुद्ध मंडी सचिव ने पुलिस में धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज कराया है।

जानकारी के मुताबिक सरकार के द्वारा शुरू की गई, भावांतर भुगतान योजना के तहत भैरुंदा की कृषि उपज मंडी में इस योजना के तहत फर्जीवाड़ा होने की आशंका की शिकायत की गई थी। जिसमें बताया गया था कि कुछ व्यापारी भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए फसल की रीसाइक्लिंग कर रहे हैं। जिसके तहत व्यापारी एक ही उपज को बार-बार खरीद-बिक्री के रूप में दिखाकर सरकारी सब्सिडी और मंडी शुल्क में छूट का अवैध लाभ ले रहे हैं। शिकायत के बाद मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड आंचलिक कार्यालय भोपाल की संयुक्त संचालक सविता झानिया ने 7 दिसंबर को भैरुंदा मंडी का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने व्यापारिक फर्म का निरीक्षण करने के उपरांत दूसरे ही दिन भावांतर योजना के भोपाल संभाग नोडल अधिकारी नरेश परमार के नेतृत्व में एक टीम को निरीक्षण के लिए भेजा। टीम ने मेसर्स गायत्री ट्रेडर्स व अमित ट्रेडर्स की व्यापारी फर्म के कारोबार और भौतिक स्टॉक का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गायत्री ट्रेडर्स पर गड़बड़ी सामने आई। यहां पर फर्म ने ई-उपार्जन पोर्टल पर कुल 10,707.65 क्विंटल सोयाबीन की मात्रा दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर वह भावांतर योजना के तहत भुगतान प्राप्त करने की तैयारी में थे। जब टीम ने फर्म के गोदाम में भौतिक स्टॉक का सत्यापन किया तो वहाँ केवल 8,589.50 क्विंटल सोयाबीन ही मौजूद पाई गई। दस्तावेजों में दर्ज मात्रा और मौके पर मौजूद मात्रा के बीच 2,118.15 क्विंटल का अंतर मिला जो फर्जीवाड़े और दस्तावेजों में हेराफेरी की ओर इशारा कर रहा था। इसके अलावा स्टॉक रजिस्टर में दर्ज 446.44 क्विंटल मूंग गोदाम में शून्य पाया गया। अधिकारियों ने इसे गंभीर आपराधिक मामला मानते हुए तत्काल कार्रवाई की। मंडी अधिनियम की धारा 19(4) के उल्लंघन तथा जानबूझकर सरकारी योजना में धोखाधड़ी करने के आरोप में मंडी समिति ने मेसर्स गायत्री ट्रेडर्स के प्रोप्राइटर के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने इस संबंध में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी) और 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। मंडी समिति ने आपराधिक कार्रवाई के साथ ही फर्म का मंडी लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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