मामला वनों की अवैध कटाई का…,
आखिर जांच के नाम पर अब तक नहीं हुई दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही…
– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
बुधनी विधानसभा क्षेत्र में वनों की अवैध कटाई के मामले में अधिकारी जांच के नाम पर मामले में लगातार देरी कर रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि वनों की अवैध कटाई में लिप्त दोषी अधिकारियों पर अभी तक कार्यवाही प्रस्तावित नहीं हो सकी है। आखिर ऐसे क्या कारण है कि अधिकारी अपने अधीनस्थों को बचाने में जुटे हुए है। वन मंडल अधिकारी सीहोर के द्वारा जांच के नाम पर दो दल तैयार किए गए थे। लेकिन एक पखवाडा बीतने को है बावजूद इसके जांच की कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी है। आखिर अधिकारी इस मामले में किन कारणों से देरी कर रहे हैं यह समझ से परे हैं। लेकिन जिस तरह से जांच के नाम पर देरी की जा रही है। उससे यह तो स्पष्ट है कि वनों की कटाई के मामले में विभाग जवाब देने की स्थिति में नहीं है। वन विभाग के ऐसे एक नहीं बल्की कई मामले हैं, जहां जांच को समय सीमा में पूरा नहीं किया जाता। जिससे लंबे समय बाद मामला ठंडा बस्ते में चला जाता है। दूसरी और वन परिक्षेत्र की सीमा में संचालित हो रहे फर्नीचर माटों को लेकर भी विभाग के अधिकारी स्पष्ट जानकारी देने में आनाकानी कर रहे हैं। दूसरी और भैरुंदा, रेहटी, बुधनी तहसील में संचालित हो रही आरा मशीनों की जांच में होने वाली देरी और यहां से कीमती सागौन के अवैध परिवहन का मामला भी लगातार चर्चाओं में है। कुल मिलाकर विभाग अवैध कटाई व जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति करने में जुटा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि एवं पंचायत ग्रामीण विकास विभाग मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली बुधनी विधानसभा में वनों की अवैध कटाई का मुद्दा जोर पकड़े हुए हैं। इस मामले में सत्ताधारी दल पर कांग्रेस भी हावी है। पर्यावरण का विनाश करने में भाजपा ने अपना अहम रोल अदा किया है इस मामले में लगातार भाजपा को घेरने का प्रयास कांग्रेस कर रही है।
एक पखवाड़े पूर्व दिए थे जांच के आदेश, लेकिन अभी तक जांच ही पूरी नहीं-
लाड़कुई, रेहटी, बुधनी वन परिक्षेत्र में वनों की अवैध कटाई का मुद्दा उठाया गया था। जिसके चलते लगभग एक पखवाड़े पूर्व वन मंडल अधिकारी सीहोर एमएस डाबर के द्वारा दो जांच दल का गठन कर जांच के आदेश दिए गए थे। एक पखवाड़े का समय बीतने को है लेकिन अभी तक जांच दल ने अपनी कार्यवाही भी पूरी नहीं की है। बुधनी एसडीओ सुक्ति ओसवाल का तो कहना है कि उन्होंने जांच कर अपनी फाइल सीहोर पहुंचा दी है, लेकिन सीहोर से जांच के संबंध में कोई भी जानकारी अधिकारी देने से इनकार कर रहे हैं। वन मंडल अधिकारी का मानना है कि उनके पास अभी तक जांच की फाइल नहीं आई है।

लाडकुई वन परिक्षेत्र के सिराड़ी से सनकोटा मार्ग पर ठेकेदार द्वारा वन भूमि पर अवैध उत्खनन कर मिट्टी निकाली गई थी। जिसमें एक डिप्टी रेंजर व दो वनरक्षकों द्वारा एक जेसीबी पकड़ने की बात सामने आई थी। जिसकी जानकारी ग्रामीणों सहित अन्य लोगों द्वारा उपवन मंडलाधिकारी बुधनी सुक्ति ओसवाल को देने के बाद उपवन मंडलाधिकारी द्वारा जांच की गई थी। जांच उपरांत लाड़कुई वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश उईके को जांच करने हेतु आदेशित किया गया था। जिसमें अवैध उत्खनन पाया गया। जिसकी रिपोर्ट वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा उपवन मंडलाधिकारी श्रीमती ओसवाल को दी गई। जिसके परिपेक्ष्य में श्रीमती ओसवाल द्वारा एक डिप्टी रेंजर और दो वनरक्षकों पर कार्यवाही करने का हवाला देते हुए, कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। लेकिन दो माह का समय बीत जाने के बाद भी श्रीमती ओसवाल द्वारा उक्त कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई ओर, ना ही जानकारी दी जा रही। जो कहीं ना कहीं वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अपने अधीनस्थ कर्मचारी को बचाते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
