आदिवासियो ने तहसील कार्यालय पहुंचकर दिया धरना, प्रशासन की लाख समझाइश के बाद भी नही माने…

अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा
हाल ही में क्षेत्र के आदिवासी गांव झाली में प्रशासन द्वारा छात्रावास के लिए शासकीय भूमि खाली कराई थी। जिसके लिए कुछ दिन पूर्व राजस्व और पुलिस के संयुक्त दल ने अतिक्रमणकारियों से 08 एकड़ जमीन मुक्त कराकर परिसर बनाने का रास्ता साफ किया था, लेकिन प्रशासन की कार्यवाही से वर्षों से काबिज आदिवासी व दलित परिवार सोमवार को जमीन को बचाने के लिए तहसील परिसर में धरने पर बैठे रहे। प्रशासन की लाख समझाइश के बावजूद भी प्रदर्शनकारी सुनने को तैयार नहीं हुए। गिरते पानी में भी प्रदर्शनकारी डटे रहे।

गौरतलब है कि नगर के समीपस्थ ग्राम पंचायत झाली में 490 आदिवासी कन्याओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, 30 करोड़ की लागत से 15 एकड़ भूमि पर कन्या परिसर, स्टाफ आवास, स्कूल भवन का निर्माण होना है। लेकिन भूखंड के अभाव में मध्यप्रदेश भवन विकास निगम द्वारा जिला प्रशासन से 02 सालों से स्थान उपलब्ध कराए जाने की मांग की जा रही थी। जिस पर बीते दिनों राजस्व व पुलिस अमले ने झाली गांव में 15 एकड़ जमीन चिन्हित कर कुछ कब्जाधारियों से जमीन मुक्त कराकर निर्माण एजेंसी को सौंप दी थी। प्रशासन की इसी कार्यवाही से वर्षों से काबिज कब्जाधारी परिवार लामबंद हुए ओर पुस्तैनी जमीन ना छिने इसके लिए सोमवार से तहसील कार्यालय में पहुंचकर धरने पर बैठ गए ओर प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि कन्या छात्रावास के लिए हमारी पुस्तैनी जमीन ना छिने। जमीन जाने से हमारे सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो जाएगा।

कई एकड़ सरकारी जमीन पर काबिज है आदिवासी परिवार – 

झाली सहित आसपास बसे कई आदिवासी गांव में लगभग 150 एकड़ से भी ज्यादा जमीन पर आदिवासियों ने अपना कब्जा जमाए रखा है। लंबे समय से यहां वन भूमि को कृषि भूमि में तब्दील किया जा चुका है। कई हजार एकड़ जमीन पर तो शासन ने खुद आदिवासियों को पट्टे दे चुकी है। इससे आदिवासियों के हौसले और बुलंदी पर पहुंच चुके है। वन परिक्षेत्र में वन भूमि को कृषि भूमि में तब्दील किए जाने का क्रम बदस्तूर जारी है।

दो परिवारों के पास अभी भी 6 एकड़ भूमि –

वही एसडीएम मदन सिंह रघुवंशी की मानें तो आदिवासियों से पुस्तैनी जमीन नहीं छिनी गई है, जमीन आदिवासियों ने जो बिना पट्टे के कब्जे में ले रखी थी, उसे ही मुक्त कराकर छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है। जिन दो परिवारों की जमीन निर्माण के लिए ली गई है, उनके पास अभी भी शासन की 06 एकड़ से अधिक जमीन मौजूद है। ऐसे में आंदोलन करना किसी भी तरह उचित नहीं है।

490 सीटर सर्व सुविधायुक्त बनना है कन्या परिसर –

मध्यप्रदेश भवन विकास निगम के एसडीओ सौरभ जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया की 15 एकड़ भूमि पर कन्या परिसर का निर्माण होना है। जिसमें आदिवासी कन्याओं व कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण एवं सर्व सुविधायुक्त विद्यालय का निर्माण 30 करोड़ की लागत से 2500 वर्गफीट में किया जाएगा। परिसर के अलावा खेल मैदान सहित अन्य व्यवस्थाएं यहां मौजूद रहेगी। आदिवासी विभाग के सीईओ अर्जुन सोलंकी ने बताया की भैरूंदा क्षेत्र में लगभग 50- 50 बिस्तर वाले 19 हॉस्टल संचालित है जिसमे 1000 आदिवासी बालक एवं बालिका लाभान्वित हो रहे है। उक्त भवन का काम शुरू नहीं होने से प्राइवेट भवन में हॉस्टल लगाया जा रहा था। परिसर का निर्माण होने के बाद 500 बच्चे और लाभान्वित हो सकेंगे।

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