जिला न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत आयोजित…

अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा

3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा समझौता राशि रूपये 18 करोड़ 94 लाख 12 हजार 712 जमा हुई जिले में जिला एवं तहसील स्तर पर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

  • नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश चंद्र शर्मा ने किया। लोक अदालत में 3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि रूपये 18 करोड़ 94 लाख 12 हजार 712 जमा हुई। प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमें हर योजना को उसके मूर्त रूप में लागू कर आमजन को लाभान्वित करना चाहिए। आमजन को सस्ता सरल और सुलभ न्याय दिलाने का लोक अदालत एक प्रभावी स्थान है, जो वर्तमान समय में समाज के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत से लोगों का धन और समय दोनों की बचत के साथ ही आपसी सौहार्द भी बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के त्वरित निराकरण से पक्षकारों का न्यायिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास बढ़ता है, जिससे और अधिक न्याय प्राप्ति के लिए इच्छुक पक्षकार अपने विवाद लेकर न्यायालय के समक्ष आने के लिए प्रेरित होते है। प्रधान जिला न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल जगत में अनेक प्रतियोगिताए जीतने वाली सीहोर जिले की कु. बुसरा खान एवं कुईशा पटेल को उनके प्रदर्शन के लिए मोमेन्टो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सत्यसाई यूनिवर्सिटी के विधि संकाय के छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये।

कुल 3201 प्रकरणों का किया गया निराकरण-

आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुल 3201 प्रकरणों का निराकरण किया गया एवं समझौता राशि 18 करोड़ 94 लाख 12 हजार 712 रूपये जमा हुए हैं।

नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते के आधार पर निराकरण कराये जाने के लिए न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम में लंबित 5043 प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 1083 प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर हुआ एवं समझौता 15 करोड़ 96 लाख 63 हजार 913 रुपये जमा कराई गई। इसी प्रकार नेशनल लोक अदालत की खंडपीठ के समक्ष कुल 20995 प्री लिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 2118 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 02 करोड़ 97 लाख 48 हजार 799 रुपये जमा कराई गई।

अलग-अलग रह रहे दंपति खुशी-खुशी साथ लौटे-

नेशनल लोक अदालत में आवेदक राहुल मीना ने अपनी पत्नि श्रीमती पूजा मीना के विरूद्ध कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में धारा 09 हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत मामला प्रस्तुत किया। दोनो का विवाह होने के 06 महीने तक दोनों साथ रहे। इसके बाद पति-पत्नि के मध्य छोटी-मोटी पारिवारिक विवाद के कारण वे अलग-अलग रहने लगे। इस प्रकरण में पारिवारिक मामला तथा भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रधान न्यायाधीश सुश्री सुमन श्रीवास्तव द्वारा समझाइश के पश्चात् दोनो पक्षों ने राजीनामा कर साथ जाने पर सहमति व्यक्त की। इस प्रकरण के राजीनामा करने के बाद दोनों पक्ष एक दूसरे को फूल माला पहनाकर खुशी-खुशी घर लौटे।

बहु ने स्वीकार की वृद्ध ससुर के पालन पोषण की जिम्मेदारी-

नेशनल लोक अदालत में आवेदक बहू सरिता द्वारा वृद्ध ससुर श्री पन्नालाल के विरूद्ध एक प्रकरण घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत प्रस्तुत किए प्रकरण में बहु ने यह स्वीकार किया कि वह वृद्ध ससुर का पालन पोषण करेगी। और इसके बदले में ससुर ने कहा कि वह बहू को अपने हिस्से की संपत्ति देंगे। इसके साथ यह प्रकरण निराकृत किया गया। यह ससुर और बहु के बीच एक भावुक क्षण था।

यह थे उपस्थित’

कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय सुश्री सुमन श्रीवास्तव. विशेष न्यायाधीश हेमंत जोशी, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजय गोयल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एम के वर्मा, तृतीय जिला न्यायाधीश अभिलाष जैन, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती अर्चना नायडू बोड़े, जिला रजिस्ट्रार / न्यायिक मजि प्रथम श्रेणी श्रीमती स्वप्नश्री सिंह एवं अन्य न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम यादव, जीशान खान जिला विधिक सहायता अधिकारी, सत्य साईं विश्वविद्यालय सीहोर से फैकल्टी सदस्य एवं आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनजीओ के प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मुख्यालय सीहोर के पैनल एवं अन्य अधिवक्तागण लीगल एड डिफेंस काउंसिल्स, खण्डपीठ सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, पक्षकारगण न्यायालयीन कर्मचारी गण, पैरालीगल वालेन्टियर्स आदि उपस्थित रहे। राजीनामा करने वाले सभी पक्षकारों को प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा फूल माला एवं पौधे भी वितरित किए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!