न्याय यात्रा निकाल रहे पीड़ितों को, हरदा प्रशासन ने गोपालपुर में रोका, समझाइश के बाद लौटे…

– अमित शर्मा, लाड़कुई/भेरूंदा बीते 6 फरवरी को हरदा पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट से आसपास रहने वाले सैकड़ो परिवारों को आर्थिक रूप से नुकसान का सामना करना पड़ा है। इन परिवारों के घर की छत छिन चुकी हैं और पिछले 9 माह से यह छत मिलने का इंतजार करने के साथ ही मुआवजे के इंतजार में बैठे हैं। लेकिन प्रशासन के द्वारा केवल आश्वासन दिया जा रहा है। हरदा प्रशासन की हठधर्मिता के चलतें 150 से भी अधिक महिला, पुरुष व बच्चों के द्वारा अपनी मांगो के निराकरण के लिए हरदा से भोपाल तक निकाली रही पैदल न्याय यात्रा को सीहोर जिले के गोपालपुर में हरदा प्रशासन के द्वारा रोका गया।

कलेक्टर ने दी समझाइश…

इस दौरान हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह व एसपी अभिनव चौकसे ने गोपालपुर पहुंचकर न्याय यात्रा को रोका और पीड़ितो से चर्चा की। इस दौरान पीढ़ित आक्रोशित नजर आये। प्रशासन के द्वारा उन्हें एक बार आश्वासत करते हुए कहा कि उनकी मांगो को सुना जाएगा और जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान होगा। अधिकारियों की समझाईश के बाद सभी पीड़ित हरदा लौट गए।

इस दौरान पीड़ितो को राहत राशि के तौर पर दो-दो के चेक वितरित किए गये। वही समझाइश के दौरान कहा कि अभी आपका केस माननीय न्यायालय मे विचाराधीन है, जैसे ही माननीय न्यायालय का आदेश आएगा, सहायता राशि वितरित की जाएगी। काफी मनुहार के बाद पीड़ित हरदा लौटे।

सभी पीड़ित हरदा लौटे…

यह है मामला: जानकारी के अनुसार हरदा के मगरदा रोड स्थित बैरागढ़ रेहटा में पटाखा फैक्टरी में 6 फरवरी 2024 मंगलवार सुबह अचानक ब्लास्ट होने लगा। आसपास के रहवासियों ने अपनी जान बचाने के लिए वहां से दौड़ लगा दी थी। लेकिन ब्लास्ट इतना भयानक था कि आसपास बने हुए मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी वहीं प्रशासन ने 9 लोगों के मरने की पुष्टि की थी। वहीं सैकड़ो लोगों को इलाज के लिए इंदौर, भोपाल व नर्मदापुरम भेजा गया था। 

हरदा हादसा…

पीड़ितों की मानें तो यह ब्लास्ट मप्र का अभी तक का सबसे बड़ा मामला था। घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने हरदा ब्लास्ट के मामले को लेकर एक आपात बैठक बुलाई थी। इस दौरान सरकार के मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा करते हुए हादसे में मारे गए लोगों के परिवार की जिम्मेदारी सरकार द्वारा उठाने की घोषणा की थी।

पीड़ितों की मानें तो प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष से प्रत्येक मृतक के रिश्तेदार को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई थी।

पीड़ितो का दर्द, प्रशासन नहीं कर रहा सुनवाई, 9 माह से हैं बेघर न्याय यात्रा में शामिल हरदा निवासी अर्चना प्रजापति ने बताया कि नेमावर मे पुलिस द्वारा अभद्रता की गई, वही बर्बरता का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी बेटी नेनसी प्रजापति के साथ पुलिसकर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया। हमने कई बार कहा कि आखिर हमारी गलती क्या हैं, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी और हमें ही दबाने का प्रयास करते रहे।

पीड़ित…

पिंकी चौहान ने बताया कि हरदा ब्लास्ट को 9 माह बीत चुके हैं, लेकिन हमारी मांगे पूरी नहीं हो सकी हैं। आखिर हमें छत कब तक नसीब होगी। हम न्याय यात्रा निकालकर मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे हैं, लेकिन कलेक्टर एक बार फिर आश्वासन देकर हमें रोक रहे हैं। हम भूखे प्यासे हैं और जब तक हमारी मांगो पर विचार नहीं होता, हम यहां से नहीं जाएंगे। 

पीड़ित…

पीड़ित हेमन्त चौहान ने बताया कि ब्लास्ट की घटना के बाद हमारे घर क्षतिग्रस्त हो गए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मकानों को कंडम घोषित कर दिया और कहा कि यह रहने योग्य नहीं हैं। प्रशासन ने कहा कि सभी पीड़ितों को मकान बनाकर दिये जाएंगे और मुआवजा राशि भी मिलेगी। लेकिन इंतजार करते हुए 9 माह बीत चुके हैं, आखिर कब तक इंतजार करें। सुनवाई नहीं होने पर हमें न्याय यात्रा निकालने पर मजबूर होना पड़ा। 

पीड़ित…

देवी सिंह राजपूत ने बताया कि पुलिस हमारे साथ बर्बरता कर रही हैं। हमें ऐसा लगता हैं कि पुलिस पीड़ितों को ही मुल्जिम बनाने पर तुली हैं। हम न्याय मांग रहे हैं, लेकिन पुलिस के जबान हमसे ही पैसों की वसूली कर रहे हैं। 150 लोगों द्वारा यह यात्रा निकाली जा रही हैं। लेकिन प्रशासन के द्वारा यात्रा को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। हंडिया में यात्रा में शामिल महिलाओं के साथ पुलिस ने अभद्रता भी की, लेकिन हम चुप रहे। क्योंकि हम यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकाल रहे हैं।

पीड़ित…

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